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नहीं आए हूपर गाड़ी तो न हो परेशान, आपके पास आएगा फोन, घर से कचरा उठा या नहीं

locationजयपुरPublished: Jul 04, 2019 08:11:37 pm

Submitted by:

Deepshikha Vashista

Cleanliness Survey-2020 First Phase : स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 का पहला फेज जून में खत्म, शहरवासियों के पास फीडबैक के लिए आएगा फोन

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नहीं आए हूपर गाड़ी तो न हो परेशान, आपके पास आएगा फोन, घर से कचरा उठा या नहीं

अश्विनी भदौरिया / जयपुर. स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 का पहला फेज जून में खत्म हो चुका है, लेकिन नगर निगम के प्रयासों से शहर में कोई हरकत होती हुई नहीं दिखाई दी है। हालांकि पहले फेज में ज्यादातर काम फीडबैक का है, लेकिन जब शहर की साफ नहीं होगा तो जनता फीडबैक कैसे देगी?
शुक्रवार से लोगों के पास फोन आना शुरू होंगे और जनता को जवाब देना होगा कि नगर निगम की सफाई व्यवस्था के आप कितने संतुष्ट हैं। 15 जुलाई तक फीडबैक लिया जाएगा और जुलाई के अंत तक अंक तक कर दिए जाएंगे।
केंद्रीय शहरी और आवास विकास मंत्रालय ने पूरे साल सफाई व्यवस्था रखने के उद्देश्य से अभियान को एक माह से बढ़ाकर पूरे साल का कर दिया था, लेकिन अब तक नगर निगम ने इस ओर कोई काम ही शुरू नहीं किया है।

इन सवालों के देने होंगे जवाब

-आपके घर नियमित हूपर ( Cleanliness Survey-2020 ) आ रहा है और कितने बजे आता है

-सार्वजनिक टॉयलेट का उपयोग करते हैं। सफाई व्यवस्था कैसी है। पानी रहता है या नहीं
-गीला-सूखा कचरा कब से अलग हो रहा है।

-क्या आपको रिहायशी और व्यवसायिक क्षेत्रों में लिटरबिन्स आसानी से दिख जाते हैं?

सफाई में अब तक ‘जीरो’

महापौर भले ही शहर में दौरे कर सफाई व्यवस्था को पुख्ता करने का दावा करते हों, लेकिन सच्चाई यह है कि डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण पूरी तरह से फेल है। गीला-सूखा कचरा अब तक अलग-अलग नहीं हो सका है। गुरुवार को भी महापौर ने अजमेर रोड का दौरा किया। वार्ड-12, 13 और 14 में औचक निरीक्षण के दौरान उन्होंने थड़ी ठेलों को हटवाया।

स्वच्छता ऐप के मोबाइल नम्बर का होगा उपयोग

शहर में 1.5 लाख के अधिल लोग स्वच्छता ऐप का उपयोग करते हैं। इसको चालू करने के पहले यूजर को नाम के साथ मोबाइल नम्बर डालना होता है। इसी नम्बर पर फोन आएगा।
अधिकारी वार्ड सीमांकन में व्यस्त

पहले तीन महीने में स्वच्छता सर्वेक्षण का काम ढीला ही रहा है। आने वाले तीन महीने में भी इसमें गति मिलने की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। क्योंकि निगम में अभी वार्ड सीमांकन का काम चल रहा है। तीन महीने से जिन स्वास्थ्य अधिकारी कविता चौधरी के पास स्व’छता सर्वेक्षण की जिम्मेदारी थी, वे अब एपीओ हो चुकी हैं। अब जिम्मेदारी नवीन भारद्वाज को दी है। भारद्वाज के पास पहले से ही राजस्व शाखा की जिम्मेदारी है और सीमांकन में भी पूरे शहर की जिम्मेदारी है। ऐसे में वे कितना समय सर्वेक्षण में दे पाएंगे, ये बड़ा सवाल है?
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