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विधायक और विधायक प्रत्याशियों के गुटों में बंटी कांग्रेस, दो बार बांट दिए सिंबल

locationजयपुरPublished: Oct 21, 2020 02:36:33 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

निकाय चुनाव के प्रत्याशी चयन में कांग्रेस विधायक एवं विधायक प्र त्याशियों के बीच खींचतान की वजह से चार वार्डों में पार्टी अपने प्रत्याशियों को पार्टी सिंबल देने चूक कर बैठी।

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निकाय चुनाव के प्रत्याशी चयन में कांग्रेस विधायक एवं विधायक प्र त्याशियों के बीच खींचतान की वजह से चार वार्डों में पार्टी अपने प्रत्याशियों को पार्टी सिंबल देने चूक कर बैठी।

जयपुर। निकाय चुनाव के प्रत्याशी चयन में कांग्रेस विधायक एवं विधायक प्र त्याशियों के बीच खींचतान की वजह से चार वार्डों में पार्टी अपने प्रत्याशियों को पार्टी सिंबल देने चूक कर बैठी। इसकी वजह से पार्टी सिंबल मिलने के बावजूद तीन पूर्व पार्षद और एक टिकटार्थी का नामांकन रदद हो गया।
दरअसल हुआ यों कि सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 66, 68, 71 और 91 के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस नेता दो गुटों में बंट गए। एक गुट ने पूर्व पार्षद धर्मसिंह सिंघानिया, मुकेश शर्मा और कमल वाल्मिकी और टिकटार्थी रतनलाल सैनी की दावेदारी का विरोध किया।
जबकि दूसरा गुट इनके पक्ष में आ खड़ा हुआ। नामांकन के अंतिम दिन तक इन चारों वार्डों के प्रत्याशियों को लेकर दोनों गुट भिड़े रहे। अंतत: पार्टी ने जब सूची निकाली तो इन चारों प्रत्याशियों के नाम गायब हो गए। जिन्हें टिकट मिला, उन्होंने हाथों-हाथ पार्टी सिंबल लेकर अपने नामांकन दाखिल कर दिए।
अब दूसरे गुट ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन से इसकी शिकायत की। नतीजतन नामांकन का समय खत्म होने से ऐन पहले पार्टी ने प्रत्याशी बदलकर इन चारों को भी सिंबल थमा दिए।

इन चारों ने भी कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया। नामांकन पत्रों की जांच हुई तो पता चला कि पार्टी ने बाद में जिन प्रत्याशियों को सिंबल दिए हैं, उनमें तकनीकी खामी छोड़ दी।
फिर क्यों हुई चूक
प्रत्याशी बदलने के बाद नामांकन खारिज होने से कांग्रेस में बवाल मच गया। पार्टी में चर्चा है कि सिंबल देने वाले नेता पुराने और अनुभवी हैं। ऐसे में वह प्रत्याशी बदलने पर सिंबल देने में तकनीकी चूक नहीं कर सकते। मामले को टिकट वितरण को लेकर हुई गुटबाजी और खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है।
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