पार्टी ने पहले टिकटों को बदलने से मना कर दिया था, लेकिन विधायकों के दबाव के चलते आखिरी समय पर कई टिकट बदले गए हैं। पार्टी ने जयपुर ग्रेटर में 7 प्रत्याशी बदले हैं। वार्ड 14 से बनवारी की जगह सुरेश को प्रत्याशी बनाया गया है।चार संतान होने की वजह से यह टिकट बदला गया है। वार्ड 30 से प्रत्याशी राजेंद्र के कोविड-19 पॉजिटिव होने की वजह से मनसुख को उम्मीदवार बनाया गया है। इसी तरह वार्ड 31 में पिता प्रभुदयाल की जगह पुत्र राजेश टिकट दिया गया। वार्ड 42 से मातादीन की जगह वीरेंद्र को अंतिम समय में प्रत्याशी बनाया गया। वार्ड 56 से प्रभु बैरवा के दो से ज्यादा संताने की वजह से जितेंद्र को टिकट दिया गया है। वार्ड 111 से लक्ष्मी वर्मा के दस्तावेज गिरने की वजह से पार्टी ने सुगना को प्रत्याशी बनाया है। वार्ड 147 से नरेंद्र के भी दो से अधिक संतान होने की वजह से हेमराज खींची को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया।
यादव को ऐनवक्त पर मिला टिकट, मगर सिंबल नहीं हुआ स्वीकार वार्ड 74 से भाजपा ने मुन्नी देवी को टिकट दिया था। इसके बाद निवर्तमान पार्षद कुसुम यादव और उनके समर्थकों ने इसका विरोध कर दिया। पूर्व विधायक मोहन लाल गुप्ता भी यादव को ही टिकट दिलवाना चाहते थे। इसके बाद पार्टी ने यादव को ऐनवक्त पर टिकट दिया। मगर यादव तय सीमा में सिंबल जमा नहीं करवा पाई, जिसकी वजह से उनका सिंबल स्वीकार नहीं हुआ। ऐसे में इस वार्ड से भाजपा सिंबल के साथ पहले नामांकन कर चुकी मुन्नी देवी के टिकट को मान्य माना गया है। इसी तरह हेरिटेज के वार्ड 60 से कैलाश शर्मा का टिकट काटकर मनोज ओझा को प्रत्याशी बनाया गया है।
मैं पार्टी की वफादार कार्यकर्ता वार्ड 74 से टिकट कटने से खफा हुई मुन्नी देवी ने आरोप लगाया कि पूर्व विधायक मोहनलाल गुप्ता के दबाव के चलते उनका टिकट काटा गया है। साथ ही कहा कि मैं पार्टी की वफादार कार्यकर्ता हूं और बगावत नहीं करूंगी, लेकिन कुसुम यादव चुनाव नहीं जीतेंगी।