पिछले साल 10 से 17 सितंबर तक दक्षिण कोरिया में हुई ‘तेरहवीं वर्ल्ड फायर फाइटर्स गेम्स चूंग्जू’ प्रतियोगिता में 64 देशों से 6757 फायर फाइटर्स शामिल हुए थे। कुल 45 मैडल्स के साथ भारत सातवें स्थान पर रहा। इनमें 6 मैडल तो अकेले विमला ने जीते। वह 2 स्वर्ण सहित 6 मैडल पाने वाली प्रथम भारतीय महिला फायरमैन बनीं। उन्होंने एथलेटिक में 2 स्वर्ण, स्वीमिंग, आर्म रेसलिंग और ट्रेजर हंट में रजत और आर्म रेसलिंग में कांस्य पदक हासिल किए।
नगर निगम में पिछले साल 31 अक्टूबर को अग्निशमन समिति के तत्कालीन चेयरमैन मुकेश लख्यानी की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी समिति की बैठक में विमला की पदोन्नति का प्रस्ताव सरकार को भेजने का फैसला किया गया। इसके बाद 14 दिसंबर को विमला ने कार्मिक उपायुक्त को पत्र भेजा लेकिन सुनवाई नहीं हुई। विमला ने बताया कि नगर निगम ने सिर्फ दक्षिण कोरिया आने-जाने की खर्च राशि देकर इतिश्री कर ली। स्पोट्र्स किट मांगा तो नियम गिना दिए। निगम से फायरमैन की वरिष्ठता सूची मांगकर डीएलबी काम अटकाए हुए है।
देश के लिए मैडल लाई तब तो नगर निगम के अधिकारियों ने खूब वाहवाही लूटी। पीठ भी थपथपाई लेकिन प्रोत्साहन राशि व पदोन्नति देने में किसी ने रुचि नहीं दिखाई। सात महीने बाद भी प्रशस्ति या बधाई पत्र तक नहीं मिला। प्रोत्साहन देने की बजाय हतोत्साहित किया जा रहा है। विधिक राय सकारात्मक आने के बावजूद पदोन्नति और प्रोत्साहन राशि की फाइल अटकी हुई है।
विजयपाल सिंह, आयुक्त, नगर निगम