चहेतों को उपकृत करने के लिए नियमों में छूट, अब स्वास्थ्य अधिकारी कहलाएंगे उपायुक्त स्वास्थ्य
नगर निगम जयपुर में अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए इन दिनों नियमों में छूट का नया ट्रेंड सा चल गया है। पहले नगर निगम हैरिटेज ने स्वास्थ्य अधिकारियों को उपायुक्त का पद दिया तो सरकार ने इस पर आपित्त जताकर आदेश को निरस्त कर दिया। मगर अब सरकार ने ही नगर निगम हैरिटेज और ग्रेटर में वरिष्ठतम स्वास्थ्य अधिकारियों को उपायुक्त स्वास्थ्य बना दिया है।

जयपुर।
नगर निगम जयपुर में अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए इन दिनों नियमों में छूट का नया ट्रेंड सा चल गया है। पहले नगर निगम हैरिटेज ने स्वास्थ्य अधिकारियों को उपायुक्त का पद दिया तो सरकार ने इस पर आपित्त जताकर आदेश को निरस्त कर दिया। मगर अब सरकार ने ही नगर निगम हैरिटेज और ग्रेटर में वरिष्ठतम स्वास्थ्य अधिकारियों को उपायुक्त स्वास्थ्य बना दिया है। ऐसे में सरकार के इस आदेश पर सवाल उठने लगे हैं ? सवाल ये कि जब एक्ट में ही प्रावधान नहीं तो किन नियमों के तहत यह पदनाम किया गया ?
बताया जा रहा है कि दो स्वास्थ्य अधिकारियों को उपकृत करने के लिए स्वायत्त शासन विभाग ने यह आदेश जारी किया है। डीएलबी ने पहले भी एक आदेश जारी कर राजस्व अधिकारी से भी नीची रैंक की एक कार्मिक को उपायुक्त बनाया था। तब कुछ अधिकारियों ने दबी आवाज में इसका विरोध किया था। तब यह चर्चा भी छिड़ गई थी कि एक ही तरह के प्रकरण में विभाग दो तरह के आदेश कैसे कर सकता है।
अब उपायुक्त स्वास्थ्य क्या काम करेंगे, स्पष्ट नहीं
इस नए आदेश से वर्तमान में नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज में तैनात उपायुक्त स्वास्थ्य क्या काम करेंगे। ग्रेटर में हर्षित वर्मा और हैरिटेज में आशीष कुमार के पास उपायुक्त स्वास्थ्य का कार्यभार है। स्वायत्त शासन विभाग के आदेश के बाद अभी तक निगम ने इन दोनों के काम को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
नगरपालिका एक्ट के विपरीत आदेश
नगरपालिका एक्ट 2009 की धारा 332 में प्रशासनिक सेवा और धारा 333 में तकनीकी सेवा के संबंध में प्रावधान किए गए हैं, जिसमें साफ तौर पर उल्लेख है कि प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के सुपरविजन में ही तकनीकी सेवा के अधिकारी काम करेंगे। ऐसे में यह आदेश एक्ट की धारा के भी विपरीत है।
तब निदेशक विधि ने कर दिया था मना
पिछले साल अधिशासी अभियंताओं का भी पदनाम बदलकर अधिशासी अभियंता एवं पदेन आयुक्त करने की सिफारिश की गई थी। विभिन्न निकायों में काम कर रहे 61 अधिशासी अभियंताओं के पदनाम को बदलने के लिए नोटशीट भी चली, मगर निदेशक विधि ने नोटशीट पर आपत्ति जता दी कि नगरपालिका एक्ट 2009 की धारा 332 में तकनीकी अधिकारियों को प्रशासनिक अधिकारी का पदनाम दिए जाने का प्रावधान नहीं है।
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