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‘हर घर से एक रोटी’ अभियान भरेगा बेजुबानों का पेट

locationजयपुरPublished: Apr 01, 2020 06:58:39 pm

कोविड 19 यानी कोरोना वायरस से निपटने के लिए जयपुर शहर को लॉकडाउन कर दिया गया है, लेकिन इसका खमियाजा उठा रहे हैं, वे मूक प्राणी जिनका पेट इस शहर की धर्मप्रिय और सहृदय जनता भरा करती है। गायें, कबूतर, बंदर और श्वान सहित अन्य बेजुबान इन दिनों भूख से बेहाल हैं। ऐसे में जनता के साथ मिलकर जयपुर नगर निगम ने इनके लिए एक अनोखा उपाय किया है।

हर घर से एक रोटी अभियान की शुरुआत
आमजन की ओर से निराश्रित पशुओं की मदद की मांग को देखते हुए जयपुर नगर निगम ‘हर घर से एक रोटी’ अभियान शुरू करने जा रहा है। नगर निगम के कचरा एकत्रित करने वाले हूपर हर घर से एक-एक रोटी एकत्रित करेंगे ताकि निराश्रित पशुओं को रोटी पहुंचाई जा सके।
जनता की मांग पर निगम ने किया उपाय
गौरतलब है कि आमजन की ओर से लगातार यह मांग की जा रही थी कि वे निराश्रित पशुओं को रोटी पहुंचाना चाहते है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से बाहर निकलना संभव नहीं हो रहा है।
छह लाख घरों से आएंगी रोटियां
नगर निगम के 600 हूपर प्रतिदिन डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिये 5 से 6 लाख घरों को कवर करते है। अब ये हूपर रोटी भी एकत्रित करेेंगे। नगर निगम प्राधिकारी एवं आयुक्त विजयपाल सिंह ने बताया कि प्रत्येक हूपर पर दो कट्टे लगाये गये है।
13 स्टेशनों पर बनाए गए हैं ट्रांसफर स्टेशन
इन कट्टों में घर-घर से मिलने वाली रोटियों को एकत्रित किया जायेगा। वहां से इनकों शहर में 13 स्थानों पर बने ट्रांसफर स्टेशनों तक पहुंचाया जायेगा। सभी स्टशनों पर बडे तिरपाल रखवाये गये है। इन तिरपालों पर घरों से प्राप्त रोटियों को एकत्रित किया जायेगा।
दोपहर 12 बजे के बाद बांटी जाएगी रोटियां
दोपहर 12 बजे तक कचरा संग्रहण का कार्य पूरा होने के बाद 13 हूपरों के माध्यम से एकत्रित रोटियों को निर्धारित रूट चार्ट के अनुसार विभिन्न स्थानों पर भिजवाया जायेगा। जहां भी निराश्रित पशु मिलेगे, वहां यह रोटियां डलवाई जायेगी। इसके बाद यदि रोटियां बचती है तो उन्हें गोशाला भिजवा दिया जायेगा।
आमजन की मांग को देखते हुये लिया निर्णय
अतिरिक्त आयुक्त अरुण गर्ग ने बताया कि निगम की ओर से अपने स्तर पर भी निराश्रित पशुओं एवं पक्षियों के लिए खाने एवं पीने के पानी की व्यवस्था की गई है। लेकिन, आम जनता की ओर से लगातार यह मांग की जा रही थी कि वे बेजुबानों के लिए भोजन की व्यवस्था करना चाहते हैं। इसी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
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