जयपुर नगर निगम का एक और कारनामा.... भाई-बहन भुगत रहे सजा
जब तक लोगों की जान आफत में नहीं आती जयपुर नगर निगम है कि जागता ही नहीं। कुछ दिन पहले चैमू हाउस सर्किल पर आॅटो जमीन फाटकर धंस गया, सवारी-चालक गंभीर घायल हुए। तब निगम जागा और करीब सवा करोड़ रुपए से ज्यादा का काम शुरु हुआ। जबकि स्थानीय लोग काफी समय से सीवर लाइन को सही करने की शिकायत निगम से कर रहे थे।

जयपुर
जब तक लोगों की जान आफत में नहीं आती जयपुर नगर निगम है कि जागता ही नहीं। कुछ दिन पहले चैमू हाउस सर्किल पर आॅटो जमीन फाटकर धंस गया, सवारी-चालक गंभीर घायल हुए। तब निगम जागा और करीब सवा करोड़ रुपए से ज्यादा का काम शुरु हुआ। जबकि स्थानीय लोग काफी समय से सीवर लाइन को सही करने की शिकायत निगम से कर रहे थे।
उसके बाद अब सोड़ाला से निगम की लापरवाही सामने आई। बंदरों से परेशान लोगों ने निगम को कई शिकायतें दी लेकिन निगम अफसर टस से मस नहीं हुए। उसके बाद बुधवार को छत पर पढ़ाई कर रहे बहन-भाई पर बंदरों ने हमला बोल दिया। दोनो छत से कूदे और पैर तुडवा बैठे। अब जाकर निगम ने आज वहां पर पिंजरे लगाए हैं।
धूप में बैठना भी जान से खिलवाड़ करने जैसा
दरअसल सोड़ाला में स्थित फुटल्या बाग, जमना डेयरी के नजदीक रहने वाले विकास और कोमल पर बुधवार को बंदरों ने हमला किया था। दोनो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिजन विमल कुमार ने बताया कि एक महीने से कुछ बड़े बंदर यहां घुम रहे हैं। छत पर जाना नामुमकिन सा है। कपडे तक सुखाने में लोग परेशान हैं। सर्दी के समय धूप तक सेंकना जान से खिलवाड़ करने जैसा है।
एक महीने से निगम वालों को लगातार शिकायतें कर रहें हैं लेकिन मजाल है किसी ने सुनी हो। अब बड़ा हादसा हुआ है तब जाकर नींद खुली है। सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों और बच्चों को हैं। लेकिन फिर भी अफसरों का इस ओर ध्यान नहीं है। रसोई और कमरों में बेधडक बंदरों की एंट्री है।
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