यूपी से आते गन्ने के ज्यूस वाले टोंक फाटक पर स्थित ज्यूस विक्रेता अविन भाटी ने बताया कि कोरोना संक्रमण का डर लोगों में इस कदर है कि दस प्रतिशत ग्राहक भी ज्यूस नहीं पीते। वहीं गन्ने का ज्यूस तो शहर में कहीं नजर नहीं आ रहा, क्योंकि गन्न ज्यादातर यूपी से आता है। इसलिए यूपी से हर साल 500 से ज्यादा ज्यूस विक्रेता यहां काम करने आते थे। जो गली- गली और चौराहों पर गन्ने और आम का ज्यूस बेचते थे। इस बार वो यहां व्यापार करने आए ही नहीं। इस बार ज्यूस व्यापारियों को बहुत नुकसान भी हुआ है।
याद आ रहा गन्ने का ज्यूस
मानसरोवर निवासी अंकित भाटी का कहना है कि वो इन दिनों घर का ही बना ज्यूस उपयोग कर रहे हैं। लेकिन उन्हें इस बार उन्हें गन्ने के ज्यूस को मिस कर रहे हैं। क्योंकि इसे वो घर पर नहीं बना सकते और न ही यह बाजार में उपलब्ध है।
मानसरोवर निवासी अंकित भाटी का कहना है कि वो इन दिनों घर का ही बना ज्यूस उपयोग कर रहे हैं। लेकिन उन्हें इस बार उन्हें गन्ने के ज्यूस को मिस कर रहे हैं। क्योंकि इसे वो घर पर नहीं बना सकते और न ही यह बाजार में उपलब्ध है।
महेश नगर निवासी जीतेश का कहना है कि उन्हें गर्मी में पुदीने वाला गन्ने का ज्यूस पीना बेहद पसंद है। लेकिन लगता है कि अब गन्ने का ज्यूस पीने के लिए उन्हें अगले साल का इंतजार करना पड़ेगा।
लोग घर ही बना रहे ज्यूस लॉकडाउन में लोगों खाने की चीजे घर पर ही बना रहे हैं। इन दिनों आम, मौसमी और बेल सहित कई ज्यूस घर ही बना रहे हैं। इससे संक्रमण का खतरा कम होता है, साथ ही ताजा होने की वजह से सेहतमंद भी होता है।