जयपुर। लम्बे समय से पट्टे की मांग कर रहे आर्यवीर नगर व्यास कॉलोनी विकास समिति की ओर से शनिवार को पत्रकार वार्ता की गई। इसमें समिति की ओर से कहा गया कि जेडीए ने जो समझौता किया था, उसे अब वे खुद ही नहीं मान रहे हैं।
समिति अध्यक्ष नरेश कुमार अरोड़ा ने बताया कि जनवरी 2008 में जेडीए अधिकारियों और कॉलोनियों के लोगों के बीच समझौता हुआ। मुख्य रोड को मास्टरप्लान के अनुरूप बनाना था। अधिकारियों ने कहा था कि यदि भूखंडधारी नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करवा देंगे तो शेष भूखंडों का शून्य सैटबैक पर नियमन कर दिया जाएगा। इसके बाद लम्बे समय तक मामला जेडीए में ही चलता रहा। समिति के कोषाध्यक्ष प्रेम कुमार चुग ने बताया कि नियमन को लेकर कई बार जेडीए, नगरीय विकास विभाग को पत्र लिखे गए, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। जेडीए के अधिकारी जानबूझकर मामले को 13 वर्षों से अटका रखा है।
वहीं, जेडीए जोन—10 के अधिकारियों ने इस प्रकरण को नियमन योग्य नहीं माना है। जोन उपायुक्त ने लिखा है कि वर्तमान स्थिति में उक्त योजनाओं का नियमन किया जाना संभव नहीं है।
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