मुख्यमंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौर में किसानों की मांग को देखते हुए निर्देश दिए कि कृषि विद्यृत उपभोक्ता अपने कनेक्शन के स्वीकृत भार को स्वयं की घोषणा अनुसार बिना अतिरिक्त राशि जमा करवा कर बढ़ा सकेंगे। किसान कृषि कनेक्शन की इस स्वैच्छिक भार वृद्धि योजना का लाभ 31 दिसम्बर तक उठा सकेंगे।
गहलोत ने कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक परिस्थितियों के कारण ऎसे कृषि उपभोक्ता जो अपना बिल जमा नहीं करवा पाएं हैं, उन्हें भी राहत देते हुए निर्णय लिया। इसके अनुसार, लंबित बिल 31 अक्टूबर 2020 तक जमा करवाने वाले कृषि उपभोक्ताओं से पेनल्टी अथवा विलंब भुगतान अधिशुल्क (एलपीएस) नहीं वसूला जाएगा। यह राहत बीपीएल एवं लघु श्रेणी के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को भी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने अवैध विद्युत लाइनों एवं अवैध ट्रांसफार्मरों के माध्यम से बिजली चोरी एवं इनसे होने वाली दुर्घटनाओं में किसानों की मौत पर चिंता जाहिर की। उन्होंने ऎसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अधिकारियों को अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए
कृषि कनेक्शनों में बिजली चोरी पकड़े जाने पर होने वाली वीसीआर की कार्रवाई के मामलों में 20 प्रतिशत राशि जमा कराने पर कृषि उपभोक्ता के प्रकरण को वीसीआर कमेटी के समक्ष पेश कर गुण-अवगुण के आधार पर निर्णय करने के लिए प्रस्तुत किया जा सकेगा अथवा निर्धारित की गई राशि की 50 प्रतिशत राशि एकमुश्त जमा कर वीसीआर प्रकरण का सम्पूर्ण निस्तारण किया जा सकेगा।