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विधाणी परिक्रमा महोत्सव पर कोरोना का असर, 76 साल में पहली बार नहीं निकली शोभायात्रा

locationजयपुरPublished: Oct 18, 2020 11:27:38 pm

Submitted by:

Devendra Singh

vidhani prikrama mahotsav 2020 : कोरोना महामारी के चलते विधाणी परिक्रमा महोत्सव के तहत अश्विन शुक्ल द्वितीया को निकलने वाली शोभायात्रा इस साल नहीं निकाली जा सकी। 76 साल में पहली बार ऐसा हुआ है जब महोत्सव का आयोजन नहीं किया गया और ना ही परंपरागत शोभायात्रा निकली।

ठाकुरजी की झांकी

ठाकुरजी की झांकी

जयपुर। कोरोना महामारी के चलते विधाणी परिक्रमा महोत्सव के तहत अश्विन शुक्ल द्वितीया को निकलने वाली शोभायात्रा इस साल नहीं निकाली जा सकी। 76 साल में पहली बार ऐसा हुआ है जब महोत्सव का आयोजन नहीं किया गया और ना ही परंपरागत शोभायात्रा निकली। श्री गोपाल सागर आश्रम ट्रस्ट के तत्वावधान में हर साल आयोजित होने वाले छह दिवसीय महोत्सव में देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिरकत करने पहुंचते हैं। लेकिन इस बार सरकारी की ओर से जारी एडवाइजरी की पालना में महोत्सव आश्रम स्तर पर ही आयोजित किया गया था। परंपरा का निर्वहन के लिए गोनेर जगदीश मंदिर से मिथिला शरण महाराज के सान्निध्य में केवल पांच श्रद्धालु ध्वज लेकर गोपाल सागर आश्रम के लिए रवाना हुए।
आश्रम के प्रवक्ता लक्ष्मीनिधि महाराज ने बताया कि महोत्सव के तहत इसी दिन भजनानन्द महाराज, चेतनदास महाराज, मां साहिब बनारसी देवी का पाटोत्सव सादगी के साथ मनाया गया। इस मौके पर आश्रम में सजावट की गई और ठाकुरजी की मनोहरी झांकी सजाई गई। कोरोना महामारी के कारण इस बार सार्वजनिक रूप से आयोजन नहीं किया गया।
उल्लेखनीय है कि हर साल गोपाल सागर आश्रम में श्राद्ध पक्ष की द्वादशी से छह दिवसीय विधाणी परिक्रमा महोत्सव का आयोजन होता है। महोत्सव का समापन शारदीय नवरात्र की द्वितीया को गोनेर के जगदीश मंदिर से विधाणी आश्रम तक निकलने वाली शोभायात्रा के साथ होता है। परिक्रमा में जुगल सरकार के स्वरूप की झांकी के साथ गाजे बाजे से शोभायात्रा निकाली जाती थी। पांच किलोमीटर की यात्रा में हजारों ग्रामीण श्रद्धालु झांझ मंजीरे बजाते हुए नाचते-गाते रामधुनी करते हुए चलते हैं। परिक्रमा में राधाकृष्णजी, सीतारामजी, जुगल सरकार, भजनानानंदजी महाराज, चेतनानंदजी महाराज एवं मां साहिब बनारसी देवी की झांकी सहित करीब एक दर्जन से अधिक मनमोहक झांकिया शामिल होती थी। मार्ग में जगह जगह स्वरूप सरकार की आरती कर शोभायात्रा का स्वागत किया जाता था। लेकिन इस बार कोरोना के कारण न तो महोत्सव का आयोजन हुआ और न ही शोभायात्रा निकली।
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