आमेर स्थित शिला माता मंदिर में पं. बनवारीलाल शर्मा के सान्निध्य में सुबह 7 बजकर 05 मिनट पर घट स्थापना होगी। लेकिन कोरोना के कारण दर्शनार्थियों के लिए पट नहीं खुलेंगे। सुबह 8 से 8.15 बजे तक बालभोग लगेगा और 10 बजे माता की आरती होगी। सुबह 11 बजे राजभोग लगेगा और शाम 6.45 बजे संध्या आरती और रात 8.30 बजे शयन आरती होगी। इस बार पारंपरिक छठ का मेला भी नहीं भरेगा।
दुर्गापुरा स्थिति दुर्गा माता के मंदिर में शनिवार सुबह 7 बजे महंत महेन्द्र भट्टाचार्य के सान्निध्य में विधि विधान पूर्वक घट स्थापना की जाएगी। इस बार मंदिर में भजन संध्या सहित किसी प्रकार का काई भी सार्वजनिक आयोजन नहीं होगा और न ही सप्तमी पर मेला भी नहीं भरेगा। 20 फीट की दूरी से दर्शन कर करेंगे। मंदिर में एक बार में पांच लोगों को दर्शनों के लिए प्रवेश दिया जाएगा। दर्शनों के लिए सुबह 6 से दोपहर 12 बजे तक एवं शाम 4 से रात 8 बजे तक मंदिर के पट खुले रहेंगे। सप्तमी के दिन महंत परिवार की ओर से मंदिर पर ध्वजा चढ़ाई जाएगी।
सांगानेरी गेट के पास स्थित प्राचीन काली माता का मंदिर में शारदीय नवरात्र में हर साल होने वाला पारंपरिक गरबा का आयोजन नहीं होगा। मंदिर के महंत भुवनेश्वर प्रसाद व कलाप्रसाद ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन की पालना में इस बार मंदिर में 50 साल से गुजराती समाज की ओर से होने वाला गरबा इस बार नहीं होगा। घट स्थापना के दिन ध्वजा रोहण में भी केवल सीमित लोगों को ही प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा नौ दिन तक दर्शन की व्यवस्था चौक से ही रहेगी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी पालना करवाई जाएगी।