उन्होने अग्रिम कार्यवाही के लिए एक टीम का गठन किया जिसमें डॉ. गौरव अरोड़ा, चिकित्सा अधिकारी सीएचसी, जवाजा, मनीष कुमार मोदी, औषधि नियंत्रण अधिकारी, अजमेर, शैलेन्द्र सिंह चौधरी नायब तहसीलदार ब्यावर एवं पंकज, कांस्टेबल पुलिस थाना, ब्यावर सिटी सदस्य उक्त टीम ने 4 जून को कार्यवाही करते हुए दुकान मालिक नरेश चैलानी एवं दो स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में दुकान को खोला। इस दौरान पाया कि दुकान में चिकित्सा अभ्यास के काम में लिए जाने वाले उपकरण, उपयोग में ली गई दवाईयां, काम में ली गई सीरिंज, वॉयल, आईवी फ्ल्युड, वाटर फोर इंजेक्शन एवं चिकित्सा अभ्यास में मरीजों के दी जाने वाली टेबलेट, कैप्सूल की कुछ मात्रा संग्रहित थी।
अजमेर के औषधि नियंत्रण अधिकारी मनीष कुमार ने अवैध चिकित्सा अभ्यास में उपयोग ली जाने वाली दवाइयों में से दो प्रकार की दवाइयां टेबलेट सिप्रोफ्लोक्सासिन 250 एम.जी. और कैप्सूल लोप्रामाइड हाइड्रोक्लोराइड आई.पी. के नमूने जांच विश्लेषण के लिए लिए गए। साथ ही डॉक्टर अरोडा चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जवाजा की ओर से चिकित्सा अभ्यास के काम में लिए जाने वाले उपकरण, दवाइयां, कटिंग स्ट्रीप, डिस्पोजेबल सिरिंज, वायल्स एवं बैंडेज इत्यादी जब्त कर पृथक से कार्यवाही कर चैलानी के विरूद्ध पुलिस थाना, ब्यावर सिटी, ब्यावर में इंडियन मेडिकल काउन्सिल एक्ट के तहत गुरुवार को मामला दर्ज करवाया गया है।