सहकारी बैंकों (coprative banks) की ओर से किसानों को ऋण वितरण में भेदभाव किया जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला सीकर जिले के कांवट इलाके के गांव सुजाना में सामने आया है। यहां के किसानों ने लोन वितरण में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कांवट के केंद्रीय सहकारी बैंक में विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने समस्याओं के समाधान के लिए सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक को ज्ञापन भी सौंपा। इस दौरान किसानों ने बताया कि ग्राम पंचायत सुजाना की डांगियो की ढाणी सहकारी समिति का अध्यक्ष मनमर्जी करते हुए ऋण वितरण में भेदभाव करता है। यही नहीं किसानों ने चहेतों को लाभ देने का आरोप लगाते हुए बताया कि सहकारी समिति के पदाधिकारी कई वर्षों से लोन ले रहे किसानों को ही बार बार लोन दे रहे हैं। रजनीश जाट, किसान
वहीं दूसरी ओर नए किसानों को लोन के लिए चक्कर कटवाते हैं। किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद भी समिति की ओर से बंटाईदार किसानों को लोन की राशि नही दी रही है। इससे किसानों में रोष व्याप्त है। इस मामले को लेकर काफी संख्या में किसानो ने खंडेला जाकर उपखंड अधिकारी को भी पूरे मामले से अवगत कवाया और न्याय दिलाने की मांग की है। साथ ही किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही समस्यायों का समाधान नही हुआ तो उग्र आंदोलन करेंगे।
ऐसा ही एक मामला सीकर जिले के कांवट इलाके के गांव सुजाना में सामने आया है। यहां के किसानों ने लोन वितरण में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कांवट के केंद्रीय सहकारी बैंक में विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने समस्याओं के समाधान के लिए सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक को ज्ञापन भी सौंपा। इस दौरान किसानों ने बताया कि ग्राम पंचायत सुजाना की डांगियो की ढाणी सहकारी समिति का अध्यक्ष मनमर्जी करते हुए ऋण वितरण में भेदभाव करता है। यही नहीं किसानों ने चहेतों को लाभ देने का आरोप लगाते हुए बताया कि सहकारी समिति के पदाधिकारी कई वर्षों से लोन ले रहे किसानों को ही बार बार लोन दे रहे हैं। रजनीश जाट, किसान
वहीं दूसरी ओर नए किसानों को लोन के लिए चक्कर कटवाते हैं। किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद भी समिति की ओर से बंटाईदार किसानों को लोन की राशि नही दी रही है। इससे किसानों में रोष व्याप्त है। इस मामले को लेकर काफी संख्या में किसानो ने खंडेला जाकर उपखंड अधिकारी को भी पूरे मामले से अवगत कवाया और न्याय दिलाने की मांग की है। साथ ही किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही समस्यायों का समाधान नही हुआ तो उग्र आंदोलन करेंगे।