ज्योतिषाचार्य पं. सुरेश शास्त्री के अनुसार गंगा माता का आज ही के दिन दस योगों में पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। उस समय ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, बुधवार, हस्त नक्षत्र, व्यातिपात योग, गर करन, कन्या का चंद्रमा, वृष का सूर्य और आनंद योग घटित हुए थे। ऐसी मान्यता है कि जब दस में से कम से कम छह योग मिलते हैं, उसी दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस बार बुधवार व आनंद योग को छोड कर सारे आठ योग घटित हो रहे हैं।
घरों में किया गंगा स्नान
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होने से लोग स्नान के लिए गंगा जी पहुंचते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान से पाप कर्म क्षीण होते हैं। लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण लोग गंगा नदी में स्नान नहीं कर पाए। ऐसे में लोगों ने घरों पर ही पानी में गंगा जल मिला कर स्नान कर गंगा स्नान का पुण्य कमाया।
कोरोना के खौफ के चलते इस बार गंगा दशमी पर गलता तीर्थ भी सूना ही रहा। आज के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचते है। उत्तर भारत की वैष्णव पीठ गलताजी तीर्थ में सुबह पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य के सान्निध्य में गो मुख का पूजन किया गया।