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श्रावण में 16 साल बाद हरियाली और सोमवती अमावस्या एक साथ

locationजयपुरPublished: Jul 12, 2020 11:36:30 pm

Submitted by:

Devendra Singh

somvati amavasya 2020: इस साल हरियाली अमावस्या 20 जुलाई को मनाई जाएगी। इस बार इस पर्व पर हर्षण योग, सर्वार्थसिद्धि योग, पुनर्वसु नक्षत्र, श्रावण सोमवार और अमावस्या का विशेष संयोग बन रहा है। पुनर्वसु नक्षत्र के बाद रात्रि में 9:22 बजे से पुष्य नक्षत्र का योग भी रहेगा। इस दिन हरियाली और सोमवती अमावस्या पर्व एक साथ मनाए जाएंगे। इसलिए ये पर्व और भी खास हो गया है। इस साल हरियाली अमावस्या के दिन पांच ग्रह चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह अपनी-अपनी राशियों में रहेंगे।

हरियाली अमावस्या

हरियाली अमावस्या

जयपुर। इस साल हरियाली अमावस्या 20 जुलाई को मनाई जाएगी। इस बार इस पर्व पर हर्षण योग, सर्वार्थसिद्धि योग, पुनर्वसु नक्षत्र, श्रावण सोमवार और अमावस्या का विशेष संयोग बन रहा है। पुनर्वसु नक्षत्र के बाद रात्रि में 9:22 बजे से पुष्य नक्षत्र का योग भी रहेगा। इस दिन हरियाली और सोमवती अमावस्या पर्व एक साथ मनाए जाएंगे। इसलिए ये पर्व और भी खास हो गया है। इस साल हरियाली अमावस्या के दिन पांच ग्रह चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह अपनी-अपनी राशियों में रहेंगे। ग्रहों की इस स्थिति का शुभ प्रभाव कई राशियों पर देखने को मिलेगा। इस दिन 5 ग्रहों के स्वगृही होने से इस दिन किया गया स्नान और दान और भी पुण्य फलदायी रहेगा। इस पर्व पर किए गए श्राद्ध और तर्पण से पितर तृप्त होते हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेश शास्त्री के अनुसार करीब 16 सालों बाद पारंपरिक पर्व हरियाली अमावस्या सोमवती अमावस्या का संयोग बना है। यह पर्व हरा-भरा खेत-खलिहान किसानों की समृद्धि और पर्यावरण की सुरक्षा का संदेश देने के साथ मनाया जाता है। सोमवती अमावस्या पर तीर्थ स्थानों, नदियों, जलाशयों में स्नान करना और दान, दर्शन साधने का विशेष महत्व है। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार ऐसा संभव नहीं है। इसलिए लोग पवित्र जल का मिश्रण करके घर पर स्नानदान करें। इससे भी गंगा जल में स्नान के समान पुण्य की प्राप्ति होगी। इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। पक्षियों को दाना डालने, गायों को हरा चारा खिलाने, जरूरतमंद लोगों को वस्त्र दान करने, भोजन कराने से पूण्य की प्राप्ति होती है।
पं. अक्षय शास्त्री के अनुसार भगवान शिव-पार्वती की पूजा भी इस दिन की जाती है। हरियाली अमावस्या पर खेती में काम आने वाले औजार हल, हंसिया आदि की पूजा करने की परंपरा है। खेतों में खड़ी फसल अच्छी रहे, इसी कामना के साथ किसान ये पर्व मनाते हैं। यह पर्व किसानों की समृद्धि और पर्यावरण की सुरक्षा का संदेश देने के लिए मनाया जाता है।
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