राजस्थान रोडवेज (
rajasthan roadways ) ने 17 जून 2016 से यात्रा किराए में 8 से 10 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से किराया बढ़ाया था। जब किराए में बढ़ोतरी की गई थी, उस वक्त डीजल की कीमतें 59.21 रुपए रुपए लीटर थी। लेकिन गत तीन वर्ष में डीजल की कीमतों में 11.69 रुपए की बढ़ोतरी के साथ 70.90 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है। ऐसे में रोडवेज को रोजाना लाखों रुपए का घाटा हो रहा है। राजस्थान रोडवेज में घाटे की शुरूआत करीब 22 साल पहले 1997 में हुई थी। करीब 5 साल पहले तक यह घाटा 1800 करोड़ के आसपास था। लेकिन इसके बाद तेजी से वृद्धि हुई और अब इन 5 सालों में 3000 करोड़ की वृद्धि के साथ घाटा बढ़कर 4800 करोड़ पर पहुंच गया है।
अवैध बसों के संचालन से ज्यादा बढ़ा घाटा रोडवेज के अधिकारियों की मानें तो घाटे में वृद्धि का एक बड़ा कारण लोक परिवहन सेवा की आड़ में अवैध बसों का संचालन भी है। लगातार शिकायतें आ रही हैं कि रूटों पर जितनी बसों के परमिट हैं, उससे ज्यादा उसी रंग रूप में बड़ी संख्या में बसों का संचालन किया जा रहा है। इन पर परिवहन विभाग की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। इसको लेकर रोडवेज के जोन प्रभारी व यातायात शाखा को निर्देश दिए गए हैं कि अवैध बसों की सूचना एकत्रित कर परिवहन आयुक्त कार्यालय को भेजें, जिससे कार्रवाई की जा सके। राज्य में लोक परिवहन सेवा के अलावा भी टूूरिस्ट परमिट की आड़ में बसें जगह-जगह से सवारियां भरकर चल रही हैं।