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35 पार्षद कर रहे महापौर की खिलाफत, बैठक में तय होगा मुनेश का राजनीतिक भविष्य

locationजयपुरPublished: Jan 27, 2022 10:02:29 pm

Submitted by:

Ashwani Kumar

कर्बला मैदान के विवाद की आंच महापौर की कुर्सी तक आई, हैरिटेज निगम में महापौर बनीं मोहरा, अपने हिसाब से विधायक चल रहे चाल

35 पार्षद कर रहे महापौर की खिलाफत, बैठक में तय होगा मुनेश का राजनीतिक भविष्य

35 पार्षद कर रहे महापौर की खिलाफत, बैठक में तय होगा मुनेश का राजनीतिक भविष्य

जयपुर। हैरिटेज नगर निगम में भले ही कांग्रेस का बोर्ड है, लेकिन पहले दिन से ही यहां सियासी दांव चले जा रहे हैं। अब आंच महापौर की कुर्सी तक आ गई है। कई पार्षद महापौर के विरोध में लामबंद हो गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि 30 से अधिक पार्षदों ने महापौर बदलने की बात कही है। इसमें अधिकतर निर्दलीय पार्षद शामिल हैं। हालांकि, इस विवाद की शुरुआत कर्बला मैदान में क्रिकेट पिच बनाए जाने से हुई। फिर समितियों के गठन में हो रही देरी भी बड़ी वजह बनी। जो विधायक पहले मुनेश गुर्जर के नाम पर सहमत थे, वे अब असहमत हैं। क्योंकि सभी को आगामी विधानसभा चुनाव में सियासी नुकसान होता दिख रहा है।
मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला
जो पार्षद मौजूदा महापौर का विरोध कर रहे हैं, उनमें से अधिकतर आदर्श नगर और किशनपोल विधानसभा क्षेत्र के हैं। ये सभी किसी मुस्लिम पार्षद को महापौर बनाए जाने की वकालत कर रहे हैं। मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुंच चुका है। इस मामले में सीधे तौर पर कोई भी विधायक बोलने से बच रहा है। वहीं महापौर मुनेश गुर्जर का कहना है कि किसी की कोई नाराजगी नहीं है। आपस के लोग हैं। मिल बैठकर मामले का सुलझा लेंगे।

हमने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को पार्षदों की नाराजगी से अवगत कराया है। पार्षदों की बैठक बुलाकार उनको सुनने के लिए कहा है। उम्मीद है कि जल्द ही बैठक होगी।
—अमीन कागजी, विधायक, किशनपोल विधानसभा क्षेत्र

हटाने की कवायद इसलिए क्योंकि
—किशनपोल, आदर्श नगर और हवामहल विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। हार—जीत तय करते हैं।
—जब महापौर के नाम की घोषणा हुई थी, उस समय कई मुस्लिम संगठनों ने मुस्लिम पार्षद को महापौर बनाने की मांग की थी।
—उस समय मौजूदा तीन विधायकों को डर था कि कहीं महापौर विधानसभा चुनाव में किसी एक विधानसभा क्षेत्र से टिकट की मांग न कर दे, इस वजह से समर्थन नहीं किया।
—अब एक साल बाद सरकार चुनावी मोड में जाएगी। जो महापौर बनेगी, वो टिकट की मांग नहीं करेंगी क्योंकि उनको बने हुए भी एक साल ही हो पाएगा।
—ऐसे में जो नाराजगी बोर्ड गठन और कर्बला मैदान प्रकरण के दौरान उपजी थी, उसको रोक लिया जाएगा।

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