script‘हमें नियम ही मानने होते तो पार्किंग लाइन में आते क्या’ | jaipur news parking news | Patrika News

‘हमें नियम ही मानने होते तो पार्किंग लाइन में आते क्या’

locationजयपुरPublished: Oct 18, 2021 10:02:06 pm

Submitted by:

Ashwani Kumar

 
सुविधा के नाम दुविधा : पार्किंग शुल्क में ठेकेदारों की जमकर मनमानी, कर रहे मनमर्जी वसूली, अभद्रता पर उतारू हो जाते हैं ठेकेदार के कारिन्दे

parking.jpg
जयपुर. नगर निगम से पार्किंग का ठेका लेने के बाद संवेदकों के अपने नियम और अपना शुल्क शुरू हो जाता है। निगम ने भी जनता को लूटने के लिए संवेदकों को खुली छूट दे रखी है। स्थिति यह है कि रामलीला मैदान स्थित पार्किंग में तो मनमानी ऐसी है कि वहां के ठेकेदार ने एक व्यक्ति को यहां तक कह दिया कि नियम ही हमें मानने होते तो क्या पार्किंग लाइन में ही आते।
इधर, किशनपोल बाजार में पार्किंग बनाए जाने का क्षेत्रवासियों ने विरोध शुरू कर दिया है। सोमवार को किशनपोल बाजार रेजिडेंट्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने हैरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर से मुलाकात कर समस्या बताई। समिति सचिव मधुकर सौंखिया ने कहा कि जिन लोगों के घर सड़क की ओर है वे लोग अपने वाहन कहां खड़े करें। ठेकेदार गाडिय़ां हटाने का दबाव बना रहा है, या फिर किराया मांग रहे हैं। महापौर ने जल्द ही समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया।
गौर करने वाली बात यह है कि मॉल-21 के पीछे भी पार्किंग का संचालन किया जा रहा है। जबकि, निगम की ओर से कोई निविदा नहीं निकाली गई है। इसके बाद भी हैरिटेज नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
ऐसे बढ़ती चली गई ठेका दरें

– किशनपोल बाजार के लिए निगम ने 15.75 लाख रुपए बोली के लिए निर्धारित की थी और ठेका 26.88 लाख रुपए में हुआ।

– इसी तरह आतिश मार्केट 17.95 लाख रुपए बोली के लिए निर्धारित की थी और ठेका 31.88 लाख रुपए में हुआ।
– गौरव टावर के आस-पास की पार्किंग स्थलों की कीमत निगम की ओर से ज्यादा होने की वजह से यहां पर बोली नहीं लगी और एक ही फर्म ने 1000-1000 रुपए ज्यादा की बोली लगाकर ठेका ले लिया।
प्रवेश द्वार पर ही मांगे 50 रुपए

रामलीला मैदान पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने गया तो प्रवेश द्वार पर ही 50 रुपए मांगे। न तो किसी कर्मचारी ने ड्रेस पहन रखी थी और न ही पूरे पार्किंग स्थल पर रेट लिस्ट थी। पूछने पर अभद्रता पर उतारू हो गए। बिना निगम कर्मचारियों के मिलीभगत के संभव नहीं है।
– योगेन्द्र गुप्ता, दुर्गापुरा

पैसे दिए, उसके बाद ही जाने दिया

मेरी तबीयत खराब थी। मुझे चिकित्सक को दिखाने जाना था। घर में कोई नहीं था तो मालवीय नगर से रिश्तेदार को बुलाया। गाड़ी पार्किंग में खड़ी की तो ठेकेदार पैसे मांगने लगा। जब बताया कि हम यहीं के निवासी हैं फिर भी नहीं माने और पैसे लेने के बाद ही जाने दिया।
– सरोज अजमेरा, किशनपोल बाजार

पूरे बाजार में करीब 24 मकान ऐसे हैं, जिनके दरवाजे मुख्य बाजार में खुलते हैं। इन सभी को गाडिय़ां नि:शुल्क खड़ी करने की अनुमति मिली हुई है। इसके बाद भी पैसे मांगे जा रहे हैं। नहीं देने पर ठेकेदार गाड़ी हटाने के लिए कह रहा है।
– मनीष जैन, संयुक्त सचिव रेजिडेंट्स एसोसिएशन

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो