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पितरों को प्रसन्न करने के लिए हरियाली अमावस्या पर करें पौधरोपण

locationजयपुरPublished: Jul 19, 2020 12:04:47 am

Submitted by:

Devendra Singh

Hariyali amavasya 2020: श्रावण मास की कृष्ण अमावस्या को हरियाली अमावस्या पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 20 जुलाई, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन वृक्षों की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ विशेष पेड़-पौधों की पूजा करने से जातक की कुंडली के दोष तो दूर होते ही हैं साथ ही जीवन की अनेक परेशानियों से छुटकारा भी मिलता है।

जयपुर। श्रावण मास की कृष्ण अमावस्या को हरियाली अमावस्या पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 20 जुलाई, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन वृक्षों की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ विशेष पेड़-पौधों की पूजा करने से जातक की कुंडली के दोष तो दूर होते ही हैं साथ ही जीवन की अनेक परेशानियों से छुटकारा भी मिलता है। इस बार इस पर्व पर हर्षण योग, पुनर्वसु नक्षत्र, श्रावण सोमवार और अमावस्या का विशेष संयोग बन रहा है। इससे पर्व का महत्व काफी बढ़ गया है। इस बार हरियाली और सोमवती अमावस्या पर्व एक साथ मनाए जाएंगे। इसलिए ये पर्व और भी खास हो गया है। यह पर्व हरा-भरा खेत-खलिहान किसानों की समृद्धि और पर्यावरण की सुरक्षा का संदेश देने के साथ मनाया जाता है। सोमवती अमावस्या पर तीर्थ स्थानों, नदियों, जलाशयों में स्नान करना और दान, दर्शन करने का विशेष महत्व है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इस बार ऐसा संभव नहीं है।

हरियाली अमावस्या पर करना चाहिए पौधरोपण
सावन हरियाली और उत्साह का महीना माना जाता है। इसलिए इस महीने की अमावस्या पर प्रकृति के करीब आने के लिए पौधरोपण किया जाता है। इस दिन पौधारोपण से ग्रह दोष शांत होते हैं। अमावस्या तिथि का संबंध पितरों से भी माना जाता है। पितरों में प्रधान अर्यमा को माना गया है। भगवान श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं कि वह स्वयं पितरों में प्रधान अर्यमा हैं। हरियाली अमावस्या के दिन पौधरोपण से पितर भी तृप्त होते हैं, यानी इस दिन पौधे लगाने से प्रकृति और पुरुष दोनों ही संतुष्ट होकर मनुष्य को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इसलिए इस दिन एक पौधा लगाना शुभ माना जाता है। इस दिन घरों में भी हरियाली की पूजा की जाती है। इस दिन राशि के अनुसार पौधरोपण करने से सभी तरह के ग्रह दोष शांत होते हैं।
अमावस्या पर शिव-पार्वती पूजा का महत्व
सावन माह शिवजी को विशेष प्रिय है। लेकिन इस महीने कई तीज-त्योहार आते हैं। इसलिए भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की पूजा का भी बहुत महत्व है। अमावस्या पर भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्य और समृद्धि मिलती है। इसके साथ ही हर तरह के रोग भी खत्म हो जाते हैं। अमावस्या पर पूजा में ऊँ उमामहेश्वराय नम: मंत्र का जाप करें। देवी पार्वती को सुहाग का सामान चढ़ाएं और शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें। इस दिन कुंवारी लड़कियां मां पार्वती की पूजा करें तो उन्हें मनवांछित वर मिलता है।

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