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पहले चार लाख, अब महज 10 हजार ही मजदूर

locationजयपुरPublished: May 07, 2020 09:27:04 pm

Submitted by:

Ashwani Kumar

-निर्माण कर्यों को गति का इंतजार, मजदूरों की कमी

जयपुर. लॉकडाउन होने से सार्वजनिक निर्माण विभाग का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। हालांकि लॉकडाउन 2.0 में कार्यों को गति देने की कोशिश की गई, लेकिन दस दिनों में अब तक महज 10 हजार मजदूर ही काम कर पा रहे हैं। इनमें मनरेगा के तहत कराए जाने वाले जगंल की सफाई से लेकर पटरी की मरम्मत जैसे काम भी शामिल हैं। विभागीय अधिकारियों की मानेंं तो पहले राÓयभर में चार लाख मजदूर निर्माण कार्य में लगे थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से Óयादातर पलायन कर गए। ऐसे में मजदूरों की कमी होने से निर्माण कार्यों को गति नहीं मिल पा रही है। इसके अलावा ठेकेदार भी बड़े काम शुरू नहीं करना चाह रहे हैं। रोड सेल में 200 से अधिक काम शुरू करवा दिए हैं। इसमें करीब 7500 मजदूर काम कर रहे हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग, पीपीपी मोड, इमारतों का निर्माण और इलेक्ट्रिकल शाखा में भी काम शुरू कराए हैं, लेकिन इन सभी में महज 2500 मजदूर ही काम कर रहे हैं।
वक्र्स कांट्रेक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह शेखावत का कहना है कि ठेकेदारों के पास बड़ी संख्या में लेबर यूपी, एमपी और बिहार की है, लेकिन अधिकतर लोग चले गए हैं। अभी डामर, सीमेंट सहित अन्य क’चे माल की दिक्कत भी आ रही है।
वहीं, विभाग के अतिरिक्ति सचिव और मुख्य अभियंता सुनील गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन 2.0 में काम शुरू करवा दिया था। अभी छोटे-बड़े 450 काम चल रहे हैं।

अभी शुरू नहीं हो सके बड़े निर्माण कार्य
अभी बड़े निर्माण कार्यों को शुरू करने के लिए इंतजार करना होगा। इनमें आरओबी और आरयूबी के निर्माण शामिल हैं। बड़े निर्माण कार्य शुरू करने के लिए डामर से लेकर सीमेंट की दिक्कत है। ऐसे में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जब तक लॉकडाउन नहीं हटता या फिर सरकार के स्तर पर कोई बड़ा फैसला नहीं होता, तब तक निर्माण कार्यों में तेजी की संभावना कम ही दिखाई दे रही है।
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