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विशेष योग में मनेगी इस बार वट सावित्री अमावस्या व शनि जयंती

locationजयपुरPublished: May 18, 2020 12:07:29 pm

Submitted by:

Devendra Singh

shani jayanti -vat savitri amavasya: वट सावित्री अमावस्या एवं शनि जयंती इस बार 22 मई को भक्तिभाव के साथ मनाई जाएगी। इस दिन शुक्रवार, छत्र योग, कृतिका नक्षत्र, वृष राशि में उच्च का चंद्रमा जेष्ठ का महीना व अमावस्या तिथि रहेगी। सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के लिए वट का पूजन कर वट सावित्री का व्रत रखेंगी और कथा का श्रवण करेंगी। इस दिन शनि जयंती भी है, शनि की कृपा पाने के लिए भक्त विशेष पूजा-आराधना करेंगे।

Shani Dev effect : in all zodiac signs and every condition

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जयपुर। वट सावित्री अमावस्या एवं शनि जयंती इस बार 22 मई को भक्तिभाव के साथ मनाई जाएगी। इस दिन शुक्रवार, छत्र योग, कृतिका नक्षत्र, वृष राशि में उच्च का चंद्रमा जेष्ठ का महीना व अमावस्या तिथि रहेगी। सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के लिए वट का पूजन कर वट सावित्री का व्रत रखेंगी और कथा का श्रवण करेंगी। इस दिन शनि जयंती भी है, इस लिए शनि मंदिरों में विशेष आयोजन भी होंगे। शनि की कृपा पाने के लिए भक्त विशेष पूजा-आराधना करेंगे। इस योग से राजसम्मान मिलने के योग बनता है। ऐसा माना जाता है कि जब शनि प्रसन्न होते हैं तो किसी भी व्यक्ति को किसी भी काम में सफलता में देर नहीं लगती। वहीं जब शनि की टेढ़ी नजर होती है तब वह किसी भी कार्य को विफल कर देते है और राजा से रंक बनाने में भी देर नहीं करते। छत्र योग में पूजा करने से राजसम्मान प्राप्त होने के योग बनता है।
शनि से जनित दोषों से मिलेगी मुक्ति
ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेश शास्त्री के अनुसार जिन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती अथवा शनि की ढैया का बुरा प्रभाव है और जिनका राहु व केतू खराब है, कालसर्प योग व पितृदोष हैं। ऐसे जातक इस दिन शनिदेव को प्रसन्न कर शनि से जनित सभी दोषों से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं। शनि एक ऐसे देवता हैं जो धीमी गति से चलते हैं। धीमी गति से चलने के कारण इनका नाम शनैश्चर पड़ा। शनि एक राशि में ढाई वर्ष रहते हैं, 30 वर्ष बाद शनि की साढ़ेसाती व्यक्ति पर प्रारंभ होती है। अधिक से अधिक किसी व्यक्ति के जीवन में दो बार शनि की साढ़ेसाती आ सकती है। जब शनि गोचर से राशि में होते हैं तब शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ होती है। यह कुल साढ़े सात वर्ष तक रहती है और जब शनि चतुर्थ और अष्टम स्थान गोचर करत हैं तब शनि की ढैया रहती है, जो ढाई वर्ष तक रहती है और बहुत ही कष्टकारी भी होती है।
मकर और कुंभ राशि वाले जातक प्रसन्न करें शनिदेव को
ज्योतिषाचार्य अक्षय शास्त्री ने बताया कि इस समय धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती है और मिथुन राशि तुला राशि वालों पर शनि की ढैया है। ऐसे जातक शनि को प्रसन्न करने के लिए अमावस्या के दिन सुबह स्नान करके जल में दूध और गुड़ मिलाकर वटवृक्ष के पास जाएं और उसकी जड़ में गुड़ मिश्रित जल अर्पित कर दें। इसके बाद वृक्ष की हल्दी, पुष्प, अक्षत से पूजा करें। शनि की साढ़े साती, ढैया, महादशा-अंतर्दशा, कालसर्प, राहु, केतु परेशान कर रहा है तो सिंचित मिट्टी का माथे पर टीका लगाएं। शनि मंत्र शं शनैश्चराय नम: का जाप करते हुए 108 बार वट वृक्ष की परिक्रमा दें।
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