देवदूत बनकर आया कम्पूयटर ऑपरेटर, अपने खर्चें पर एंबुलेंस से प्रसूता को पहुंचाया गांव
जयपुरPublished: May 22, 2020 01:16:20 pm
pregnant suffering from labor pain: लॉकडाउन के चलते रामखिलाड़ी गुजरात से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में अपनी गर्भवती पत्नी चंद्रवती को लेकर आ रहे थे। रास्ते में चंद्रवती को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। चलती ट्रेन में डॉक्टर और नर्स की व्यवस्था नहीं थी और चंद्रवती दर्द से तड़प रही थी। रामखिलाड़ी ने जब टीटी से मदद मांगी तो उसने जयपुर जंक्शन आने पर ट्रेन को रूकवाया और स्टेशन मास्टर की मदद से एम्बुलेंस में उनकों सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय पहुंचाया, जहां रात में चंद्रवती ने एक बेटी को जन्म दिया।
जयपुर। लॉकडाउन के चलते रामखिलाड़ी गुजरात से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में अपनी गर्भवती पत्नी चंद्रवती को लेकर आ रहे थे। रास्ते में चंद्रवती को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। चलती ट्रेन में डॉक्टर और नर्स की व्यवस्था नहीं थी और चंद्रवती दर्द से तड़प रही थी। रामखिलाड़ी ने जब टीटी से मदद मांगी तो उसने जयपुर जंक्शन आने पर ट्रेन को रूकवाया और स्टेशन मास्टर की मदद से एम्बुलेंस में उनकों सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय पहुंचाया, जहां रात में चंद्रवती ने एक बेटी को जन्म दिया। चिकित्सकों ने तीन दिन अस्पताल में रखने के बाद प्रसूता को डिस्चार्ज कर दिया, लेकिन इसके बाद भी रामखिलाड़ी की मुसीबते कहां कम होने वाली थी। चंद्रवती को अस्पताल से छुट्टी तो मिल गई, लेकिन अपने गांव कासगंज उतर प्रदेश जाने के लिए जेब में किराया तक नहीं था। रामखिलाड़ी मदद के लिए बाहर भटक रहा था, इतने में ड्यूटी पर तैनात आगरा रोड के वृन्दावन विहार निवासी यशवंत सिंह सिसोदिया देवदूत बनकर आया। महिला चिकित्सालय में कम्पूयटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत सिसोदिया ने प्रवासी दंपत्ति की पीड़ा जानकर अस्पताल के बाहर गया तथा प्रसूता और उसके पति को अपने खर्चें पर निजी एम्बुलेंस उपलब्ध करवाकर उनके घर कासगंज भेजने में मदद की।