ग्रेटर में नहीं हो रही कोई सुनवाई
ग्रेटर नगर निगम में पार्षद लाइट के लिए परेशान हो रहे हैं। आलम यह है कि कोई सुनने को तैयार नहीं है। लाइट लगाने वाली कम्पनी के अधिकारी ही मनमानी कर रहे हैं। एक वार्ड से उतारकर दूसरे वार्ड में लाइटें लगाने के मामले तक इस कम्पनी के कर्मचाारियों के आए हैं। इतना ही नहीं, उन वार्डों में स्ट्रीट लाइट की डिमांड है, जो शहर के बाहरी क्षेत्र में हैं। लेकिन निगम प्रशासन इन पार्षदों की नहीं सुन रहा। विद्युत एवं सार्वजनिक प्रकाश समिति की अध्यक्ष रश्मि सैनी ने महापौर और आयुक्त से मिलकर अतिरिक्त लाइटें देने की मांग की है।
फैक्ट फाइल
—1.50 लाख स्ट्रीट लाइट लगी हैं ग्रेटर नगर निगम में
—1.10 लाख स्ट्रीट लाइट लगी हैं हैरिटेज नगर निगम में
—04 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइटें खराब हैं ग्रेटर निगम सीमा क्षेत्र में
—250 से अधिक शिकायतें लम्बित हैं स्ट्रीट लाइट की हैरिटेज नगर निगम में
वर्जन———
सभी वार्डों में 50—50 स्ट्रीट लाइटें लगाने के निर्देश दिए हैं। लाइटों को लगाने का काम भी शुरू हो गया है। दिवाली से पहले अधिक से अधिक लाइटें लगाने का लक्ष्य दिया है, जो बच जाएंगी उनको बाद में लगवाया जाएगा।
—मुनेश गुर्जर, महापौर, हैरिटेज निगम
सभी वार्डों में 50—50 स्ट्रीट लाइटें लगाने के निर्देश दिए हैं। लाइटों को लगाने का काम भी शुरू हो गया है। दिवाली से पहले अधिक से अधिक लाइटें लगाने का लक्ष्य दिया है, जो बच जाएंगी उनको बाद में लगवाया जाएगा।
—मुनेश गुर्जर, महापौर, हैरिटेज निगम
दिवाली की वजह से लाइटों की मांग बढ़ी है। 100—100 लाइटें लगाने का निर्णय पहले हुआ था, वो भी अब तक पूरा नहीं हुआ है। लाइटों के मेंटिनेंस का काम भी सही तरह से नहीं हो पा रहा है।
—रश्मि सैनी, अध्यक्ष, विद्युत एवं सार्वजनिक प्रकाश समिति, ग्रेटर निगम