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ठाकुरजी को धारण करवाई पवित्रा, भक्तों ने किए ऑनलाइन दर्शन

locationजयपुरPublished: Aug 01, 2020 12:02:26 am

Submitted by:

Devendra Singh

govind dev ji : श्रावण शुक्ला एकादशी द्वादशी शुक्रवार को शहर के प्रमुख मंदिरों ठाकुरजी को पवित्रा धारण करवाई गई। सुबह धूप झांकी के बाद गोविंददेवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में नियमित अभिषेक और पूजा-अर्चना के बाद ठाकुरजी और राधा रानी सहित अन्य सभी विग्रहों को पवित्रा धारण कराई गई। चमकीले रेशम से बनाई दो मुख्य पवित्रा ठाकुरजी की पोशाक के ऊपर धारण करवाई गई।

ठाकुरजी ने धारण की पवित्रा

ठाकुरजी ने धारण की पवित्रा

जयपुर। श्रावण शुक्ला एकादशी द्वादशी शुक्रवार को शहर के प्रमुख मंदिरों ठाकुरजी को पवित्रा धारण करवाई गई। सुबह धूप झांकी के बाद गोविंददेवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में नियमित अभिषेक और पूजा-अर्चना के बाद ठाकुरजी और राधा रानी सहित अन्य सभी विग्रहों को पवित्रा धारण कराई गई। चमकीले रेशम से बनाई दो मुख्य पवित्रा ठाकुरजी की पोशाक के ऊपर धारण करवाई गई। 108 गांठ वाली पीले और केसरिया सूत की पांच अन्य पवित्रा ठाकुरजी के चरणों में समर्पित की गई। मंदिर के जगमोहन में सजे चांदी के झूले पर 216 पवित्रा बांधी गई। इस मौके पर ठाकुरजी आम्र निकुुंज में झूले पर विराजमान होकर भक्तों को ऑनलाइन दर्शन दिए। मंदिर महंत ने ठाकुरजी को झुलाया। धूप झांकी से शयन झांकी तक ठाकुरजी पवित्रा धारण किए रहे। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट बंद होने के कारण भक्तों ने ऑनलाइन ही इस झांकी के दर्शन कराए गए। इस मौके पर गोविन्द देवजी के प्राकट्यकर्ता रूपगोस्वामी का तिरोभाव तिथि पूजन भी किया गया।

मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि पवित्रा पवित्रा वैष्णवों की सालभर की सेवा का प्रतीक है। पवित्रा धारण नहीं कराने पर साल भर की सेवा निष्फल मानी जाती है। शुभ तिथियों में कभी भी ठाकुरजी को पवित्रा धारण कराई जा सकती है। लेकिन यह ध्यान रखें कि पवित्रा का उत्तम होने के साथ शोभायमान होना भी अत्यावश्यक है। उसकी ग्रंथियां सुंदर लंबी गोलाई वाली हों जो प्रभु को चुभे नहीं। पवित्रा सुंदर उत्तम और सुगंधित केसर से रंगी हुई होनी चाहिए। पवित्रा समर्पण प्रभु के भक्ति रत्न देता है। स्त्रियों और पुरुषों को कीर्ति और पुण्यजनक है तथा सुख संपत्ति और धन देता है।
आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज दरीबा पान में शुक संप्रदायाचार्य-पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार को रेशम डोरी की माला धारण कराई गई। सरस निकुंज के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि इस मौके पर ठाकुरजी का शृंगार कर झांकी सजाई गई।
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