अस्थाई रूप से मांगी थी अनुमति
पिछले 10 वर्षों से सुविधा क्षेत्र को खाली कराने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे वकील संजय जोशी ने बताया कि
याचिकाकर्ता ने जेडीए की कार्रवाई को चुनौती दी थी। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि आप ये बता दीजिए कि अपार्टमेंट का जो सुविधा क्षेत्र है, जेडीए के किसी कागज में व्यवसायिक गतिविधि के लिए अप्रूव्ड है।
एक अन्य याचिका में याचिकाकर्ता ने यह मांग की कि इन दुकानों और गोदामों को अस्थाई तौर पर खोल दिया जाए। उन्होंने बताया कि मेरी ओर से जेडीए की सर्टिफाइड कॉपी पेश की। जिसमें यह साफ लिखा है कि यह सुविधा क्षेत्र है। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि इसके अगेंस्ट में कोई कागज ला दीजिए।
अवैध निर्माण सील, जल्द हटाएंगे
हमने अवैध दुकानों को सील किया है। सामान पर हमारा कोई अधिकार नहीं है। कार्रवाई के दौरान कानून व्यवस्था न बिगड़े, इसके लिए सुबह जल्दी कार्रवाई की। सामान हटाने के बाद खाली दुकानों पर कार्रवाई की जाएगी। बिल्डर को धारा-72 का नोटिस देकर दुकानों को हटवाएंगे। यदि बिल्डर अवैध निर्माण नहीं हटाएगा तो जेडीए हटाएगा।
-गौरव गोयल, आयुक्त, जेडीए
हमने अवैध दुकानों को सील किया है। सामान पर हमारा कोई अधिकार नहीं है। कार्रवाई के दौरान कानून व्यवस्था न बिगड़े, इसके लिए सुबह जल्दी कार्रवाई की। सामान हटाने के बाद खाली दुकानों पर कार्रवाई की जाएगी। बिल्डर को धारा-72 का नोटिस देकर दुकानों को हटवाएंगे। यदि बिल्डर अवैध निर्माण नहीं हटाएगा तो जेडीए हटाएगा।
-गौरव गोयल, आयुक्त, जेडीए
व्यवसायिक गतिविधि पूर्णत: बंद
अगस्त में बेसमेंट में बनीं दुकानों और गोदामों को सील कर दिया था। इसमें जो सामान था, उसको निक लवाने के लिए 26 अक्टूबर को सील खोली गई थी। अब किसी भी तरह की कोई भी व्यवसायिक गतिविधि बेसमेंट में नहीं हो रही है। बेसमेंट में जो निर्माण हैं, उनको हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
-रघुवीर सैनी, मुख्य प्रवर्तक, जेडीए
अगस्त में बेसमेंट में बनीं दुकानों और गोदामों को सील कर दिया था। इसमें जो सामान था, उसको निक लवाने के लिए 26 अक्टूबर को सील खोली गई थी। अब किसी भी तरह की कोई भी व्यवसायिक गतिविधि बेसमेंट में नहीं हो रही है। बेसमेंट में जो निर्माण हैं, उनको हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
-रघुवीर सैनी, मुख्य प्रवर्तक, जेडीए