घटना है जयपुर की सांगानेर पुलिया के नीचे की, जहां एक युवक खुले में शौच कर रहा था। इसी दौरान वहां पर जयपुर नगर निगम से जुड़े कर्मचारी पहुंच गए। इस युवक को एक कर्मचारी ने पहले तो डंडे से मारा फिर दूसरे कर्मचारी ने उसे लात मारी।
माना कि इस युवक ने गलत किया है, लेकिन इस वजह से जयपुर नगर निगम को इसके साथ मारपीट करने का हक कतई नहीं मिल सकता। होना तो ये चाहिए था कि ये कर्मचारी इसे खुले में शौच ना करने के लिए समझाइश करते और अगर वो नहीं मानता तो नियमानुसार उस पर कार्रवाई करते। लेकिन इन दोनों कर्मचारियों ने इंसाफ की लाठी अपने हाथ में ली लगे पुलिसिया अंदाज में इसे सबक सिखाने।
राजसमंद में बोले गृहमंत्री राजनाथ सिंह , राजस्थान के लोगों के शौर्य पराक्रम बलिदान की गाथा इतिहास पढ़ता हूं, तो हृदय गर्व से भर उठता है बता दें कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने जयपुर शहर को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया। शहर के सभी 91 वार्ड ओडीएफ हो गए। महापौर अशोक लाहोटी और नगर निगम आयुक्त रवि जैन ने शहरवासियों, सभी जनप्रतिनिधियों, पार्षद और निगम अफसर—कर्मचारियों को इसके बधाई दी। टीम ने लगातार तीन दिन तक शहर का सर्वे कर रिपोर्ट दी थी। इसके बाद मंत्रालय ने जयपुर को ओडीएफ घोषित किया। ओडीएफ घोषित होने का लाभ अब स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में भी मिलेगा।