माल ढुलाई होगी महंगी
देश में प्रतिदिन बढ़ रहे दामों को लेकर ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने माल ढुलाई के दामों में बढ़ोतरी करने की तैयारी कर ली है। अगर माल ढुलाई महंगी होगी तो जयपुर में बाहर से आने वाले फल व सब्जियां भी महंगी होंगी। इसके अलावा बाहर से आने वाली वस्तुएं भी आमजन को महंगी मिलेंगी। लागत बढ़ने से कंपनियां भी आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ाएंगी। इससे महंगाई बढ़ेगी।
देश में प्रतिदिन बढ़ रहे दामों को लेकर ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने माल ढुलाई के दामों में बढ़ोतरी करने की तैयारी कर ली है। अगर माल ढुलाई महंगी होगी तो जयपुर में बाहर से आने वाले फल व सब्जियां भी महंगी होंगी। इसके अलावा बाहर से आने वाली वस्तुएं भी आमजन को महंगी मिलेंगी। लागत बढ़ने से कंपनियां भी आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ाएंगी। इससे महंगाई बढ़ेगी।
टूटेगी आमजन की कमर
देश में बढ़ती महंगाई से आमजन की कमर टूटेगी और लोगों को महंगी वस्तुएं खरीदने के लिए विवश होना पड़ेगा। घरों में रसोई का बजट बिगड़ेगा। रसोई बजट को संभालने के लिए लोगों को अन्य खर्चों में कटौती करनी पड़ेगी, जिससे आम आदमी की परेशानी बढ़ेगी।
देश में बढ़ती महंगाई से आमजन की कमर टूटेगी और लोगों को महंगी वस्तुएं खरीदने के लिए विवश होना पड़ेगा। घरों में रसोई का बजट बिगड़ेगा। रसोई बजट को संभालने के लिए लोगों को अन्य खर्चों में कटौती करनी पड़ेगी, जिससे आम आदमी की परेशानी बढ़ेगी।
एसबीआई ने कहा रुपए में और आ सकती है गिरावट
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई की रिपोर्ट को मानें तो डॉलर के मुकाबले रुपए में और गिरावट आ सकती है। एसबीआई की रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक फिलहाल विदेशी विनिमय बाजार में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति अपनाएगा।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है, जून, 2016 से सितंबर तक रुपया 6.2 प्रतिशत टूट चुका है। हालांकि डॉलर में आ रही मजबूती को रुपए में गिरावट की वजह बताया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, इन सबके बावजूद रुपए में और गिरावट आएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक ने समय—समय पर इस बारे में बयान भी दिए थे, लेकिन बाजार ने इन पर ध्यान नहीं दिया। इस वजह से भी रुपए के मूल्य में गिरावट आ रही है।
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई की रिपोर्ट को मानें तो डॉलर के मुकाबले रुपए में और गिरावट आ सकती है। एसबीआई की रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक फिलहाल विदेशी विनिमय बाजार में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति अपनाएगा।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है, जून, 2016 से सितंबर तक रुपया 6.2 प्रतिशत टूट चुका है। हालांकि डॉलर में आ रही मजबूती को रुपए में गिरावट की वजह बताया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, इन सबके बावजूद रुपए में और गिरावट आएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक ने समय—समय पर इस बारे में बयान भी दिए थे, लेकिन बाजार ने इन पर ध्यान नहीं दिया। इस वजह से भी रुपए के मूल्य में गिरावट आ रही है।