जयपुर। गुलाबीनगर के बाशिंदों को भीषण गर्मी में भी पानी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। जलदाय विभाग के अफसरों का नाकारापन शहर के लोगों पर भारी पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ गर्मी का आधा सीजन बीतने के बावजूद अफसर अब तक शहरी पेयजल को लेकर कोई ठोस प्लानिंग करने में नाकाम रहे हैं। अब शहर के जिस इलाके में पानी की मांग बढ़ रही है। वहां अफसर बीसलपुर बांध से पानी की मात्रा बढ़वा कर संबंधित कॉलोनी में जलापूर्ति बढ़ाने का दावा कर रहे हैं तो दूसरी ओर आकंड़ेबाजी के खेल में माहिर विभाग के अफसर सर्दी से ज्यादा गर्मी में पानी सप्लाई का दावा करने में भी पीछे नहीं है।
यूं हो रहा आकंड़ों का खेल
मालूम हो जलदाय विभाग सर्दी में जयपुर शहर की जलापूर्ति के लिए बीसलपुर बांध से करीब 405 एमएलडी पानी की मात्रा लेता रहा है वहीं गर्मी का मौसम रफ्तार पकड़ते ही विभाग ने बांध से करीब 35 से 40 एमएलडी पानी की मात्रा जरूर बढ़ाई, लेकिन यह भी शहर के बाशिंदों की प्यास बुझाने में नाकाफी रहा है। शहर के लोगों को विभाग की ओर से पानी की औसत मात्रा से भी कम पानी उपलब्ध हो रहा है। जिसके चलते शहरी इलाकों की कई कॉलोनियों में गंभीर जल संकट के हालात बने हुए हैं।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में सिटी सर्कल में सप्लाई हो रही जलापूर्ति में 461 एमएलडी पानी बीसलपुर से और 70 एमएलडी पानी नलकूपों से दोहन कर लिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सर्दी के मौसम में ही विभाग लगभग 501 एमएलडी पानी शहरी सप्लाई में कर चुका है। यानि गर्मी में नलकूपों और बीसलपुर बांध से लिए जा रहे पानी की कुल मात्रा में केवल 30 एमएलडी ही बढ़ोतरी हुई है।
कूलर पी रहे पचास लाख लीटर पानी
जलदाय अफसर आकंड़ों के खेल को नकारते हुए पेयजल किल्लत का ठीकरा पेयजल उपभोक्ताओं के सिर फोड़ने में भी पीछे नहीं है। उनके मुताबिक बीसलपुर बांध से सीमित मात्रा में ही पानी की उपलब्धता है वहीं शहरी क्षेत्र में उपयोग हो रहे कूलरों से ही रोजाना शहर में करीब पचास लाख लीटर पानी की मांग बढ़ गई है। वहीं घरों में भूमिगत वाटर स्टोरेज टैंक में पानी स्टोर करने की आदतों ने भी शहरी जलापूर्ति को प्रभावित किया है। वर्ष 2011 में जहां जयपुर की आबादी 30.73 लाख थी जो अब वर्तमान में 37 लाख से ज्यादा तक पहुंच गई है। ऐसे में शहरी क्षेत्र की 33 लाख आबादी सरकारी पेयजल लाइनों से जुड़ी है। शहरी क्षेत्र में 5.50 लाख जल कनेक्शनों से सरकारी जलापूर्ति हो रही है और रोजाना करीब 2100 से ज्यादा सरकारी टैंकर ट्रिप से सरकारी जलापूर्ति से अछूते इलाकों में पीने का पानी विभाग उपलब्ध करा रहा है।
यूं हो रहा आकंड़ों का खेल
मालूम हो जलदाय विभाग सर्दी में जयपुर शहर की जलापूर्ति के लिए बीसलपुर बांध से करीब 405 एमएलडी पानी की मात्रा लेता रहा है वहीं गर्मी का मौसम रफ्तार पकड़ते ही विभाग ने बांध से करीब 35 से 40 एमएलडी पानी की मात्रा जरूर बढ़ाई, लेकिन यह भी शहर के बाशिंदों की प्यास बुझाने में नाकाफी रहा है। शहर के लोगों को विभाग की ओर से पानी की औसत मात्रा से भी कम पानी उपलब्ध हो रहा है। जिसके चलते शहरी इलाकों की कई कॉलोनियों में गंभीर जल संकट के हालात बने हुए हैं।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में सिटी सर्कल में सप्लाई हो रही जलापूर्ति में 461 एमएलडी पानी बीसलपुर से और 70 एमएलडी पानी नलकूपों से दोहन कर लिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सर्दी के मौसम में ही विभाग लगभग 501 एमएलडी पानी शहरी सप्लाई में कर चुका है। यानि गर्मी में नलकूपों और बीसलपुर बांध से लिए जा रहे पानी की कुल मात्रा में केवल 30 एमएलडी ही बढ़ोतरी हुई है।
कूलर पी रहे पचास लाख लीटर पानी
जलदाय अफसर आकंड़ों के खेल को नकारते हुए पेयजल किल्लत का ठीकरा पेयजल उपभोक्ताओं के सिर फोड़ने में भी पीछे नहीं है। उनके मुताबिक बीसलपुर बांध से सीमित मात्रा में ही पानी की उपलब्धता है वहीं शहरी क्षेत्र में उपयोग हो रहे कूलरों से ही रोजाना शहर में करीब पचास लाख लीटर पानी की मांग बढ़ गई है। वहीं घरों में भूमिगत वाटर स्टोरेज टैंक में पानी स्टोर करने की आदतों ने भी शहरी जलापूर्ति को प्रभावित किया है। वर्ष 2011 में जहां जयपुर की आबादी 30.73 लाख थी जो अब वर्तमान में 37 लाख से ज्यादा तक पहुंच गई है। ऐसे में शहरी क्षेत्र की 33 लाख आबादी सरकारी पेयजल लाइनों से जुड़ी है। शहरी क्षेत्र में 5.50 लाख जल कनेक्शनों से सरकारी जलापूर्ति हो रही है और रोजाना करीब 2100 से ज्यादा सरकारी टैंकर ट्रिप से सरकारी जलापूर्ति से अछूते इलाकों में पीने का पानी विभाग उपलब्ध करा रहा है।
इनका कहना है— घरों में कूलर के उपयोग और पानी स्टोरेज ज्यादा होने से पेयजल किल्लत जैसे हालात बन रहे हैं। हालांकि शहर में डिमांड के अनुसार बीसलपुर बांध से पानी की मात्रा बढ़ाई जा रही है।
—दिनेश कुमार सैनी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता,जयपुर रीजन द्वितीय, जलदाय विभाग