‘इन हाऊस‘ डिजाईंस और डीपीआर करेंगे तैयार पीएचईडी के शासन सचिव नवीन महाजन ने बताया कि इस कोर ग्रुप में शामिल युवा अधिकारियों में विभाग के तहत ही (इन हाऊस) इंजीनियरिंग डिजाइंस, ड्राईंग्स, एस्टीमेट तथा जीआईएस मैपिंग जैसे कार्यों को करने की क्षमता विकसित की जाएगी। साथ ही इनको जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट्स की ‘इन हाऊस‘ डीपीआर तैयार करने के लिए भी विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग के तहत भी इंजीनियर्स का ऎसा कोर ग्रुप बनाया गया है, जो डीपीआर तैयार करने जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यों में भागीदारी निभा रहा है।
आंतरिक दक्षता में वृद्धि से बेहतर परिणाम महाजन ने बताया कि इस पहल से विभाग की डीपीआर बनाने के लिए बाह्य एजेंसीज पर निर्भरता कम होगी तथा प्रोजेक्ट्स के कार्य शीघ्रता से होंगे। आने वाले समय में विभाग के सभी महत्त्वपूर्ण सैक्टर्स में बेहतर परिणाम देने के लिए आंतरिक दक्षता (कोर कॉम्पीटेंस) में वृद्धि होगी। सरकार को राजस्व की भी बड़ी बचत होगी।
‘रिसर्च बेस्ड एप्रोच‘ के लिए करेंगे प्रेरित शासन सचिव ने बताया कि आने वाले दिनों में इस कोर ग्रुप के अधिकारियों को विभागीय सेवाओं के साथ गुणवत्ता में वृद्धि के लिए अलग-अलग प्लेटफाम्र्स पर समय की मांग के अनुरूप नए तौर तरीकों की जानकारी दी जाएगी। विषय विशेषज्ञों के साथ ‘इंटरक्शन‘ के माध्यम से युवा अधिकारियों को अपनी कार्यशैली में ‘रिसर्च बेस्ड एप्रोच‘ का समावेश करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
चीफ इंजीनियर्स की अगुआई में बनाई तीन विशेष टीमें कोर ग्रुप के माध्यम से जल जीवन मिशन की गतिविधियों के क्रियान्वयवन के लिए जलदाय विभाग के तहत तीन विशेष टीमों का भी गठन किया गया है। ये टीम मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू तथा विशेष प्रोजेक्ट्स) सीएम चौहान, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना तथा मुख्य अभियंता (तकनीकी) दिनेश गोयल की अगुआई में कार्य करेगी। इन टीमों में नोडल अधिकारी, सहायक नोडल अधिकारी तथा अन्य विशेषज्ञ इंजीनियर्स को भी शामिल किया गया है।