यों रहेगी गश्त व्यवस्था, निगरानी पर निगरानी बीट क्षेत्र में चार स्थानों को चिह्नित किया जाएगा, जहां पर रोज शाम को सिग्मा रजिस्टर रखकर आएगी। यह रजिस्टर एटीएम गार्ड, सिक्योरिटी गार्डों के पास होंगे। फिर रात 12 से सुबह 5 बजे क्षेत्र में गश्त करने वाले पुलिसकर्मी थाने से निकलकर अपने एक प्वाइंट पर रखे रजिस्टर में हस्ताक्षर कर समय लिखेंगे। साथ में यह भी लिखेंगे कि वे कहां-कहां गश्त करते हुए यहां पहुंचे हैं। इसके बाद अगले प्वाइंट पर जाकर इसी तरह क्षेत्र बताते हुए हस्ताक्षर कर समय बताएंगे। छोटा और बड़ा क्षेत्र होने पर आधा से एक घंटे में एक प्वाइंट से दूसरे प्वाइंट पर पहुंचे। गश्ती पुलिसकर्मियों की निगरानी के लिए थाने का ड्यूटी ऑफिसर रजिस्टर को चेक करेंगे और ड्यूटी ऑफिसर से गश्त पर रहने वाला उच्च अधिकारी भी निगरानी रखेंगे। हालांकि इससे पहले चार स्थानों पर निगरानी की व्यवस्था नहीं होती थी।
जयपुर कमिश्नरेट बीट क्षेत्र जिला ———— बीट कांस्टेबल जयपुर पूर्व ——– 541 जयपुर उत्तर ——– 710 जयपुर दक्षिण ——- 493 जयपुर पश्चिम ——- 569 जिलों में भी सबसे अधिक बीट वाले थाने
थाना —————- बीट कांस्टेबल पूर्व में प्रताप नगर ———— 47 उत्तर में माणक चौक ———- 97 दक्षिण में अशोक नगर ——– 76 पश्चिम में सदर ————- 56 जिलों में सबसे कम बीट वाले थाने
थाना ————- बीट कांस्टेबल पूर्व में गांधी नगर ———– 12 उत्तर में कोतवाली ———– 22 दक्षिण में शिवदासपुरा ——– 24 पश्चिम में वैशाली नगर —— 13 (आंकड़े, पीएचक्यू के मुताबिक)
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रात्रि गश्त में बदलाव किया गया है। रोज बदलते हुए थाना पुलिस अपने क्षेत्र में गश्त करती है। इसके ऊपर बदलते हुए एसीपी, एडिशनल डीसीपी गश्त पर रहते हैं। जबकि पूरे कमिश्नरेट में एक आईपीएस अधिकारी भी रात्रि गश्त में निगरानी रखते हैं। थाने की हर बीट को चार क्षेत्रों में बांटा गया है।
रात्रि गश्त में बदलाव किया गया है। रोज बदलते हुए थाना पुलिस अपने क्षेत्र में गश्त करती है। इसके ऊपर बदलते हुए एसीपी, एडिशनल डीसीपी गश्त पर रहते हैं। जबकि पूरे कमिश्नरेट में एक आईपीएस अधिकारी भी रात्रि गश्त में निगरानी रखते हैं। थाने की हर बीट को चार क्षेत्रों में बांटा गया है।
लक्ष्मण गौड़, एडिशनल पुलिस कमिश्नर, जयपुर कमिश्नरेट