डीसीपी पूर्व, राहुल जैन ने बताया कि बजाज नगर के महावीर नगर प्रथम निवासी राजेंद्र कुमार बोथरा के खिलाफ वर्ष 2014 में सांगानेर के व्यापारी भगवती प्रसाद और विनोद सहित करीब एक दर्जन व्यापारियों ने कपड़े की दलाली के नाम पर लाखों रुपए की ठगी कर लेने का मामला दर्ज करवाया था। रिपोर्ट दर्ज होने साथ ही राजेंद्र फरार हो गया था। लंबे समय से फरार रहने पर पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर पांच हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया। शातिर ठग की तलाश में एडीसीपी ललित शर्मा और एसीपी पूनमचंद विश्नोई की टीम गठित की गई।
परिजनों ने करवाई गुमशुदगी
एसीपी पूनमचंद ने बताया कि पुलिस को गुमराह करने के लिए राजेंद्र के परिजनों ने बजाज नगर थाने में उसकी गुमशुदगी का मामला भी दर्ज करवाया, लेकिन पुलिस को शक होने पर टीम ने परिवार वालों पर भी लगातार निगाह रखी। इस दौरान पुलिस टीम को राजेंद्र के महाराष्ट्र के गढ़चिरोली और छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा की सीमा पर होने की जानकारी मिली।
एसीपी पूनमचंद ने बताया कि पुलिस को गुमराह करने के लिए राजेंद्र के परिजनों ने बजाज नगर थाने में उसकी गुमशुदगी का मामला भी दर्ज करवाया, लेकिन पुलिस को शक होने पर टीम ने परिवार वालों पर भी लगातार निगाह रखी। इस दौरान पुलिस टीम को राजेंद्र के महाराष्ट्र के गढ़चिरोली और छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा की सीमा पर होने की जानकारी मिली।
व्यापारी बन गया पुलिस दल
नक्सली इलाके में राजेंद्र के मुनीम का काम करने की सटीक जानकारी मिलने पर पुलिस दल बीड़ी व्यापारी बन गढ़चिरोली गया, जहां माल का आर्डर देने के नाम पर पुलिस दल ने राजेंद्र से संपर्क किया और उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने फरारी के दौरान कोलकाता से जाली पहचान पत्र बानाने की जानकारी भी दी, जिसके आधार पर वह नेपाल और झारखंड में भी कई माह रहा।
नक्सली इलाके में राजेंद्र के मुनीम का काम करने की सटीक जानकारी मिलने पर पुलिस दल बीड़ी व्यापारी बन गढ़चिरोली गया, जहां माल का आर्डर देने के नाम पर पुलिस दल ने राजेंद्र से संपर्क किया और उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने फरारी के दौरान कोलकाता से जाली पहचान पत्र बानाने की जानकारी भी दी, जिसके आधार पर वह नेपाल और झारखंड में भी कई माह रहा।