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2100 बचाने के चक्कर में 51000 कुर्बान, ऐसा नजारा है इस राज्य में

locationजयपुरPublished: Oct 27, 2020 10:37:30 am

Submitted by:

JAYANT SHARMA

दरअसल करीब दो साल पहले सीएम ने खुद ही इस तरह की घोषणा की थी कि खाद्य वस्तुओं में मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कानून लाया जाएगा और गंभीर गैर जमानती धाराओं में मुकदमें दर्ज होंगे ताकि मिलावट करने वाले फिर से इस तरह का दुस्साहस नहीं कर सकें। लेकिन दो साल के दौरान सरकार इस कानून पर काम नहीं कर सकी। बताया जा रहा है कि इसका पूरा लेखा जोखा हेल्थ विभाग ने तैयार कर लिया है और इसकी अंतिम चरण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए फाइल गृह विभाग के पास भेज दी गई है।

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जयपुर
नकली और मिलावटी माल बनाने वालों के खिलाफ एक बार फिर दिवाली से पहले कार्रवाई करने के लिए सरकार जाग गई है। इस बार सरकार मुखबिरी करने के लिए 51 हजार रुपए भी दे रही है। लेकिन दीपक तले अंधेरा इस कदर है कि सरकार मिलावट रोकने के खिलाफ बनाए जाने वाले सख्त कानून को करीब दो साल से अटकाए बैठी है। जबकि कई राज्यों का दौरा कर आए राजस्थान के अफसरों ने इस मामले में अपनी रिपोट्स भी दे दी हैं। उसके बाद भी सिर्फ उपरी तौर पर कुछ दिन की कार्रवाई और ढिंढोरा पीटा जा रहा है। जबकि हर साल मिलावट करने और लोगों की जान जोखिम में डालने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
मौजूदा कानून लचीला इसलिए बार—बार हो रहा मिलावट का दुस्साहस
दरअसल करीब दो साल पहले सीएम ने खुद ही इस तरह की घोषणा की थी कि खाद्य वस्तुओं में मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कानून लाया जाएगा और गंभीर गैर जमानती धाराओं में मुकदमें दर्ज होंगे ताकि मिलावट करने वाले फिर से इस तरह का दुस्साहस नहीं कर सकें। लेकिन दो साल के दौरान सरकार इस कानून पर काम नहीं कर सकी। बताया जा रहा है कि इसका पूरा लेखा जोखा हेल्थ विभाग ने तैयार कर लिया है और इसकी अंतिम चरण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए फाइल गृह विभाग के पास भेज दी गई है। गृह विभाग के अफसर इस पर अभी तक अंतिम फैसला नहीं कर सके हैं। ऐसे में मिलावट करने वालों में डर खत्म होता जा रहा है। मिलावट के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और लोगों की जान जोखिम में है। दरअसल कानून को सख्त रूप देने के लिए महाराष्ट्र की तर्ज पर कानून में सख्त संशोधन करना था। लेकिन वह अभी तक नहीं हो सका और मिलावटखोरी बड़े स्तर पर जारी है।
संशोधित कानून में इस तरह बढ़ जाएगी सख्ती
गृह विभाग के अफसरों की मानें तो महाराष्ट्र की तर्ज पर बनने वाले जिस कानून को अंतिम रुप दिया जाएगा वह कानून बेहद सख्त है। उसमें आईपीसी की धारा 272 और 273 में संशोधन कर उम्रकैद की सजा, गैर जमानती वारंट, शिकायत पर पुलिस की ओर से सख्त कार्रवाई, उत्पाद अनसेफ पाए जाने पर तुरंत गिरफ्तारी करने जैसे सख्त प्रावधान हैं। मुखबिर योजना को प्रोत्साहित करते हुए सूचना देने वाले को बिना किसी अवरोध को तुरंत 2100 का इनाम दिया जाना प्रस्तावित है। जरुरत पडने पर इस राशि को और बढ़ाया भी जा सकता है। वर्तमान में जो कानून है उसमें भी छह माह से लेकर आजीवन कारावस की सजा तक का प्रावधान है लेकिन इन धाराओं में जमानत कराना आसान होता है और इसी का फायदा मिलावटखोर उठाते हैं।

घी, दूध, दही, पनीर, कपड़ा तक मिलावटी
इस साल अनलॉक होने के बाद से एक्शन में आई पुलिस ने गुजरे तीन से चार महीने के दौरान मिलावटखोरों के खिलाफ करीब 170 कार्रवाई की हैं। प्रदेश भर में ये कार्रवाई की गई हैं। इस बार तो जयपुर और अन्य शहरों से ब्रांडेड के नाम पर कॉपी कर कपडे बनाने वालों को भी नहीं बक्शा गया है। जयपुर में ही कुछ दिन पहले सीकर रोड पर एक बड़ा कारखाना पकडा गया था। उसमें एक्सपायर उत्पादों को नई पैकिंग में नई एक्सपायरी डेट्स के साथ पैक किया जा रहा था और शहर में सत्तर से भी ज्यादा दुकानों पर इनको कम दामों में बेचा भी गया था। तीन से चार ट्रक माल को नष्ट करने में पुलिस को तीन दिन लग गए थे। इसी तरह से पिछले दिनों घी, दूध, मसाले और अन्य नकली उत्पाद भी पकडे जा चुके हैं।
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