प्रदेश में अवैध हथियारों के दम पर हो रहे अपराधों को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय ने अवैध हथियारों की धरपकड़ कर हथियारों की तस्करी से जुड़े नेटवर्क को तोड़ने के निर्देश दिए है। पुलिस मुख्यालय के निर्देशों के बाद जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से अवैध हथियारों के खिलाफ ऑपरेशन अगेंस्ट गन यानी ‘ऑपरेशन आग ‘ चलाया जा रहा है । ऑपरेशन आग के तहत अब तक पुलिस ने 101 मामले दर्जकर 140 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने 135 अवैध हथियारों के साथ ही 353 जिंदा कारतूस भी बरामद किए है। इन हथियारों में देसी हथियारों से लेकर महंगी रिवाल्वर और अन्य हथियार भी शामिल हैं। जिनकी कीमत बाजार में लाखों रुपए हैं। अब इन एक्शन के बाद हथियारों की खरीद — फरोख्त से जुडे तस्करों का पता लगाने में जुटी है। अब तक की गई कार्रवाई में सामने आया है कि ज्यादातार अवैध हथियार सवाईमाधोपुर ,दौसा ,अलवर और भरतपुर इलाकों के अलावा उत्तरप्रदेश और मध्य प्रदेश से चोरी छिपे प्रदेश में बेचे जा रहे है ।
भरतपुर के मेवात क्षेत्र में इस साल अब तक पुलिस तीन अवैध हथियारों की फैक्ट्री पकड चुकी है। इन तीन एक्शन में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है और साथ ही भारी मात्रा में बने हुए और बिना बने हुए हथियार भी बरामद किए गए हैं। पुलिस अफसरों ने बताया कि अधिकतर माल भरतपुर में ही बन रहा है लेकिन उसके लिए कच्चा माल एमपी तक से मंगाया जा रहा है। लोहे के मजबूत पाइप के जरिए देसी हथियार बनाए जा रहे हैं। इन पाइप का इस्तेमाल भारी वाहनों में किया जाता है। इन तीन एक्शन में जो लोग गिरफ्तार हुए उनसे पूछताछ के बाद पता चला कि देसी हथियार तीन हजार रुपए से लेकर चालीस हजार रुपए तक में बेचे जाते हैं और उनका कारतूस अस्सी रुपए से लेकर दो सौ पचास रुपए तक में बेचा जाता है।