बातचीत के दौरान उन्होनें बताया कि वे रेलवे के बड़े अफसरों को जानते हैं और जल्द ही टीसी की नौकरी निकलने वाली है। नौकरी कम लोगों को देय है इसलिए सभी के लिए यह नहीं निकाली जानी है। जावेद दोनो की बातों मंे आ गया और बेटे को टीसी बनाने की एवज में दोनो को करीब बारह लाख रुपए दे दिए। लेकिन उसके बाद न तो नौकरी ही लगी और न ही कैश ही वापस मिला। जावेद ने पुलिस को बताया कि ज्यादातर पैसा ब्याज पर लाया गया था।
ब्याज जारी है और मूल रकम मिल नहीं रही है। उधर सिंधी कैंप पुलिस ने भी संदीप कुमार की शिकायत पर दीपका और अजय के खिलाफ ठगी का मुकदमा दर्ज किया है। संदीप का आरोप है कि उसे स्टोर कीपर लगाने की बात हुई थी। इस एवज में जाली दस्तावेज बनाए गए और साथ ही साढ़े सात लाख रुपए से ज्यादा कैश भी ले लिया। लेकिन न तो नौकरी ही मिली और न ही अब दोनो फोन उठाते हैं। पुलिस ने दोनो मुकदमें ठगी की धाराओं समेत अन्य धाराओं में दर्ज कर लिए हैं।