पुलिस भी सुस्त, 24 घंटे में बिना मास्क के दिखे सिर्फ 14 लोग
लाॅकडाउन के दौरान पुलिस की सख्ती जारी रही। जयपुर शहर पुलिस ने लगभग हर दिन औसतन चार हजार लोगों के चालान किए और लाखों रुपयों का जुर्माना भी वसूला। चालान उन लोगों के किए गए जिन्होनें कोरोना प्रोटोकाॅल तोड़ा और लगातार लापरवाही बरती। लेकिन अब जब भीड़ बढ़ी तो उसके बाद पुलिस की कार्रवाई अचानक आधी ही रह गई। जबकि अब नियम तोड़ने वालों की संख्या भी बढ़ी है। दो जून को अनलाॅक के पहले दिन पुलिस ने चैबीस घंटे के दौरान सिर्फ 2 हजार 3 लोगों को एक्शन लिया और सिर्फ सवा दो लाख रुपए जुर्माना वसूला। जबकि अन्य दिन यह संख्या चार हजार के पार जाती थी। इतनी भीड़ बढने पर भी पुलिस को सिर्फ चैदह ही लोग बिना मास्क के दिखाई दिए। वहीं चार दुकानदार ही ऐसे मिले जिन्होनें मास्क नहीं पहने थे। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वाले करीब 148 लोगों के चालान भी पुलिस ने किए। जबकि सामाजिक दूरी कायम नहीं रखने वाले करीब 1800 से ज्यादा लोगों से भी जुर्माना वसूला गया। सबसे कम एक्शन दक्षिण पुलिस ने लिए और सबसे ज्यादा पूर्व पुलिस ने एक्शन लिए।
लाॅकडाउन के दौरान पुलिस की सख्ती जारी रही। जयपुर शहर पुलिस ने लगभग हर दिन औसतन चार हजार लोगों के चालान किए और लाखों रुपयों का जुर्माना भी वसूला। चालान उन लोगों के किए गए जिन्होनें कोरोना प्रोटोकाॅल तोड़ा और लगातार लापरवाही बरती। लेकिन अब जब भीड़ बढ़ी तो उसके बाद पुलिस की कार्रवाई अचानक आधी ही रह गई। जबकि अब नियम तोड़ने वालों की संख्या भी बढ़ी है। दो जून को अनलाॅक के पहले दिन पुलिस ने चैबीस घंटे के दौरान सिर्फ 2 हजार 3 लोगों को एक्शन लिया और सिर्फ सवा दो लाख रुपए जुर्माना वसूला। जबकि अन्य दिन यह संख्या चार हजार के पार जाती थी। इतनी भीड़ बढने पर भी पुलिस को सिर्फ चैदह ही लोग बिना मास्क के दिखाई दिए। वहीं चार दुकानदार ही ऐसे मिले जिन्होनें मास्क नहीं पहने थे। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वाले करीब 148 लोगों के चालान भी पुलिस ने किए। जबकि सामाजिक दूरी कायम नहीं रखने वाले करीब 1800 से ज्यादा लोगों से भी जुर्माना वसूला गया। सबसे कम एक्शन दक्षिण पुलिस ने लिए और सबसे ज्यादा पूर्व पुलिस ने एक्शन लिए।
भीड़, जाम फिर से बढ़ा सकते हैं परेशानी
शहरों को सरकार ने सिर्फ सात घंटे के लिए ही अनलाॅक किया है। इनमें भी पांच घंटे के लिए बाजारों और प्रतिष्ठानों को खुलने की अनुमति है। लेकिन उसके बाद भी जाम के हालात बन रहे हैं। चारदीवारी के बाजारों के अलावा शहर के बाहरी क्षेत्रों में स्थित बाजारों में भी भीड़ लगातार बढ़ रही है। ऐसे में अगर संक्रमित इन भीड़ के संपर्क में आते हैं तो भीड़ ही सुपर स्प्रेडर बन सकती है। अगर ऐसा होता है और संक्रमित फिर से बढ़ते हैं तो सरकार को फिर से लंबे समय के लिए लाकडाउन लगाना पड सकता है।
शहरों को सरकार ने सिर्फ सात घंटे के लिए ही अनलाॅक किया है। इनमें भी पांच घंटे के लिए बाजारों और प्रतिष्ठानों को खुलने की अनुमति है। लेकिन उसके बाद भी जाम के हालात बन रहे हैं। चारदीवारी के बाजारों के अलावा शहर के बाहरी क्षेत्रों में स्थित बाजारों में भी भीड़ लगातार बढ़ रही है। ऐसे में अगर संक्रमित इन भीड़ के संपर्क में आते हैं तो भीड़ ही सुपर स्प्रेडर बन सकती है। अगर ऐसा होता है और संक्रमित फिर से बढ़ते हैं तो सरकार को फिर से लंबे समय के लिए लाकडाउन लगाना पड सकता है।