गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने गुरुवार के अंक में ‘पैसों के लिए किशोर-किशोरियों को धकेल रहे अंधेरे कुएं में’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर इसका खुलासा किया था। इसमें बताया था कि राजधानी में कुछ लोग पैसों के लिए किशोर उम्र के लडक़े-लड़कियों को नशे के गर्त में धकेल रहे हैं। रोक के बावजूद चल रहे अवैध हुक्का बारों में चकाचौंध भरा माहौल देकर किशोर-किशोरियों को गुमराह किया जा रहा है। अपनी जेबें भरने के लिए उन्हें हुक्के की लत लगाई जा रही है।
दो को किया था लाइन हाजिर
जानकारों का कहना है कि कहीं पुलिस की अनदेखी तो कहीं मिलीभगत के कारण अवैध हुक्का बार बेधडक़ चल रहे हैं। पुख्ता कार्रवाई नहीं होने के कारण इन पर लगाम नहीं लग पा रही है। इधर, 12 दिन पहले मिलीभगत का मामला सामने भी आया था। तीन पुलिसकर्मियों को हुक्का बार संचालित करने की गतिविधि में लिप्त माना गया था। इस पर दो पुलिसकर्मियों को डीसीपी कंवर राष्ट्रदीप ने लाइन हाजिर किया था। साथ ही अपने स्तर पर मामले की जांच कराई थी।
महीनेभर पहले मोतीडूंगरी थाना इलाके में भी हुक्का बार चलने का मामला सामने आया था। तब रेस्टोरेंट मेें लगी आग बुझाने के दौरान पुलिस को हुक्के मिले थे। पुलिस के आला अधिकारी भी वहां हुक्के देख दंग रह गए।
एक जगह कार्रवाई, बाकी को छोड़ा
अवैध हुक्का बार चलने के खुलासे के बाद पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने राजापार्क में गली नंबर तीन में एक रेस्टोरेंट में संचालित अवैध हुक्का बार पर कार्रवाई कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया। साथ ही दो हुक्के व संबंधित सामान जब्त किया। लेकिन, महज 100 मीटर दूर गली नंबर चार में संचालित दो हुक्का बार तक पुलिस ने जाने की ही जहमत नहीं उठाई।
– जांच कराई तो इलाके में एक ही हुक्का बार चलता हुआ मिला। गली नंबर चार में भी हुक्का बार चल रहे हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
बृजभूषण अग्रवाल, थानाधिकारी