जयपुर। इस बार श्रावण पूर्णिमा पर 3 अगस्त को विशेष संयोगों के बीच रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा। इसदिन आयुष्मान योग, सर्वार्थसिद्धि योग, रवि योग का संयोग बन रहेगा। रक्षाबंधन पर सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक भद्रा रहेगी। इसके बाद पूरे दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांध सकेगी। वहीं रक्षाबंधन को लेकर बाजार में रौनक जरूर शुरू हुई, लेकिन कोरोना का साया भी नजर आ रहा है। राखी कारोबारियों की मानें तो राखी बाजार सिमटकर 25 फीसदी रह गया। वहीं बाजारों से चायनीज राखियां गायब होने से पहली बार रक्षाबंधन का त्योहार आत्मनिर्भरता का संदेश दे रहा है।
जयपुर में रक्षाबंधन से करीब एक—डेढ माह पहले राखियों का कारोबार शुरू हो जाता है। इस बार राखी बाजार में कोविड 19 का साया नजर आया। वहीं बाजार में चायनीज राखियां भी नहीं बिक रही है। झालानियों का रास्ता स्थित राखी कारोबारी श्याम मोदी ने बताया इस बार बाजार में राखियों की ग्राहकी पिछले 10 दिन से ही शुरू हुई है। राखी का कारोबार सिर्फ 25 फीसदी ही रह गया है। इस बार चायनीज राखियां नहीं आई है। चायनीज राखियों में अधिक बच्चों की राखियां आती थी, जो इस बार नहीं है। पिछले साल की तुलना में राखियों का कारोबार काफी कम हुआ हैं।
आयुष्मान योग व सर्वार्थसिद्धि योग
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि 3 अगस्त को श्रवण नक्षत्र सुबह 7 बजकर 19 मिनट पर आएगा, जो अगले दिन सुबह 8 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। इसदिन आयुष्मान योग सुबह 6 बजकर 38 मिनट से शुरू होगा, जो 4 अगस्त को सुबह 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। रक्षाबंधन पर रवियोग सुबह 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। वहीं सर्वार्थसिद्धि योग सुबह 7 बजकर 19 मिनट से शुरू होगा, जो पूरे दिन रहेगा।
निभाई जाएगी श्रवण जीमाने की परंपरा
रक्षाबंधन पर श्रवण लिखना और जीमाने की परंपरा आज भी साकार हो रही है। जयपुर में हर घर के गेट के दोनेां ओर श्रवण लिखा जाता है। इस बार रक्षाबंधन के पहले दिन रविवार को घर के दरवाजों के दोनों ओर श्रवण लिखे जाएंगे। दिनभर श्रवण लिखने का मुहूर्त रहेगा। ज्योतिषाचार्य दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि रविवार रात 9 बजकर 29 मिनट से भद्रा शुरू होगी, जो रक्षाबंधन के दिन सोमवार को सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक ही भद्रा रहेगी। भद्रा के बाद श्रवण को जीमाया जाएगा। वहीं बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांध सकेगी।