scriptभारी पड़ी 4500 करोड़ की रिंग रोड, अब केन्द्र की पार्टनरशिप के भरोसे राजस्थान सरकार | jaipur ring road, NHAI | Patrika News

भारी पड़ी 4500 करोड़ की रिंग रोड, अब केन्द्र की पार्टनरशिप के भरोसे राजस्थान सरकार

locationजयपुरPublished: Jan 14, 2022 11:25:53 pm

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

केन्द्रीय परिवहन मंत्री को भेजा गया संयुक्त भागीदारी का प्रस्ताव

भारी पड़ी 4500 करोड़ की रिंग रोड, अब केन्द्र की पार्टनरशिप के भरोसे राजस्थान सरकार

भारी पड़ी 4500 करोड़ की रिंग रोड, अब केन्द्र की पार्टनरशिप के भरोसे राजस्थान सरकार

भवनेश गुप्ता
जयपुर। जयपुर शहर में रिंग रोड (आगरा रोड से दिल्ली रोड) की ‘रिंग’ राज्य और केन्द्र सरकार के बीच अटक गई है। 45 किलोमीटर लम्बाई में प्रस्तावित इस रिंग रोड के लिए राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को पार्टनरशिप के लिए न्योता भेजा, लेकिन वहां से न तो चिठ्ठी आई और न ही कॉल। हालात यह हो गए हैं कि प्रोजेक्ट में कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी होना था, लेकिन उसे रोकना पड़ गया। सूत्रों के मुताबिक प्रोजेक्ट लागत 4500 करोड़ रुपए (भूमि अवाप्ति मुआवजा राशि व निर्माण लागत) से ज्यादा है और राज्य सरकार इस हालात में नहीं है कि वह यह भार अकेले उठा सके। इसी कारण मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों केंद्रीय परिवहन मंत्री को भेजकर रिंग रोड निर्माण के लिए जेडीए और एनएचएआई की संयुक्त भागीदारी का प्रस्ताव दिया था। अब नगरीय विकास विभाग ने दोबारा इस मामले में हलचल शुरू कर दी है।

एसपीवी के लिए प्रयास
रिंग रोड निर्माण के लिए जेडीए और एनएचएआई की स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) बनाने का प्रस्ताव है। इस रिंग रोड का निर्माण दो भागों में किया जाएगा। पहले भाग में आगरा रोड से सी जोन बायपास तक वाया दिल्ली रोड और दूसरे भाग में सी जोन बायपास से अजमेर रोड तक निर्माण होना है।
फैक्ट फाइल
-45 किलोमीटर लंबाई होगी प्रस्तावित रिंग रोड की (आगरा रोड पर बगराना से दिल्ली रोड पर अचरोल तक)
-2887.03 करोड़ रुपए आंकी गई है प्रोजेक्ट लागत
-360 मीटर की चौड़ाई में होनी भूमि अवाप्ति
-70 मीटर चौड़ा होगा ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (वाहन आवागमन का मुख्य हिस्सा)
रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल, जिसमें कंसलटेंट के जिम्मे कई काम सौंपना है
कंसलटेंट की नियुक्ति के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी होना है। इसमें विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने वाली कंपनी ही भूमि अवाप्ति के प्रस्ताव तैयार करने से लेकर अवाप्ति के लिए अलग-अलग विकल्प भी सुझाएगी। इसके पीछे मकसद है कि अफसरों की लापरवाही से जो दिक्कत दक्षिणी रिंग रोड (आगरा रोड से अजमेर रोड) में आई, वह इस प्रोजेक्ट में नहीं हो। साथ ही प्रोजेक्ट से जुड़े सभी कार्य में समन्वय रखना भी एक कारण है।
https://www.dailymotion.com/embed/video/x873j6n
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो