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एसएमएस मोर्चरी: यहां जिन्दगी के बाद भी चैन से सोने को चाहिए ‘नसीब’…

locationजयपुरPublished: Jan 22, 2021 02:03:43 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मान सिंह अस्पताल में लोगों को मौत के बाद भी बेकद्री झेलनी पड़ रही हैं। आलम यह है कि अस्पताल की मोर्चरी में लगे 18 में से 6 फ्रीज खराब पड़े हैं।

Jaipur SMS Hospital morgue

प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मान सिंह अस्पताल में लोगों को मौत के बाद भी बेकद्री झेलनी पड़ रही हैं। आलम यह है कि अस्पताल की मोर्चरी में लगे 18 में से 6 फ्रीज खराब पड़े हैं।

जयपुर। प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मान सिंह अस्पताल में लोगों को मौत के बाद भी बेकद्री झेलनी पड़ रही हैं। आलम यह है कि अस्पताल की मोर्चरी में लगे 18 में से 6 फ्रीज खराब पड़े हैं। ऐसे में अधिक शव होने पर शवों को रखने तक की जगह नहीं बचती। ऐसे में शवों को स्ट्रेचर पर ही छोडऩा पड़ता है। जहां चूहे शवों को कुतर तक जाते है। ऐसे हालातों की जानकारी उच्चाधिकारियों को देने के 20 दिन बाद भी व्यवस्था सुधारने पर किसी का ध्यान नहीं है।
मोर्चरी में शव लेने के लिए न केवल परिजन को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं फ्रीज की 6 रैक खराब होने से शव को भी घंटों तक फ्रीजर नसीब नहीं हो रहा। हैरत की बात है कि, कोरोना संदिग्ध शवों के साथ ऐसा हो रहा है, जबकि अस्पताल प्रशासन कोरोना को लेकर नजीर पेश कर चुका है। 20 दिन से लगातार ऐसी स्थिति से जूझना पड़ रहा है। जिम्मेदारी पूरी तरह से अनजान बने हुए है।
अफसर सुनते ही नहीं: पत्रिका ने मोर्चरी में कार्यरत मेडिकल स्टाफ से बात की तो, उन्होंने उच्च अधिकारियों के प्रति नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि खराब हुए करीब 20 से 25 दिन हो गए। दो तीन बार शिकायत भी कर दी, लेकिन अफसर ध्यान नहीं दे रहे।
स्ट्रेचर पर शव रखने की मजबूरी
मोर्चरी में शवों को रखने के लिए तीन बड़े फ्रीजर लगे है। कोरोना पॉजिटिव व निगेटिव शवों को अलग-अलग रखा जाता है। यहां फ्रीजर में 18 रैक है। जिनमें 18 शव रखे जा सकते है। जब किसी की मौत होती है और कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं आती, तो उस शव को संदिग्ध समझकर अलग रखा जाता है़। फ्रीजर की 18 में से अंतिम छह रैंक खराब पड़ी है। ऐसे में अब केवल रैक में 12 शव ही रखे जा रहे है। जैसे ही अन्य किसी की शव आ जाता है तो, उसे स्ट्रैचर पर ही रखना पड़ताहै। जगह होने पर शवों को फ्रिज में शिफ्ट करतेे है। यही नहीं फ्रीजर कक्ष के बाहर कचरे का ढेर लगा रहता है। उसके पास ही मेडिकल वेस्ट का डिपो भी है। ऐसे में चूहे शव को कुतर तक जाते है। इसके अलावा संक्रमण का खतरा भी बना रहता है।
पुलिस चौकी से 150 मीटर दूरी पर 5 घंटे तक फुटपाथ पर पड़ा रहा शव
सुरक्षा को लेकर मजबूत दावे करने वाले अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से आंख मूदें बैठा है। गुरुवार तड़के धनवंतरि ओपीडी के बाहर लैब के समीप एक व्यक्ति का शव सुबह चार बजे से सुबह नौ बजे तक पड़ा रहा। हैरत की बात है कि, मजह पुलिस चौकी से मात्र 100 से 150 मीटर दूरी पर है। सुबह नौ बजे उसे पुलिस मोर्चरी में रखवाया। आसपास तीन रैन बसेरे होने के बाद भी उक्त व्यक्ति रात भर फुटपाथ पर सोता रहा और अल सुबह उसकी जान चली गई।
तंत्र पर सवालिया निशान, आखिर कैसे हो रहे ये हालात
एसएमएस अस्पताल सुरक्षा के कई लोगों को निगरानी के लिए तैनात भी कर रखा है। इसके बावजूद मानवता को तार-तार करने वाले ऐसे हालात सामने आ रहे है। ऐसे में चिकित्सा प्रशासन के पूरे तंत्र पर सवालिया निशान लगते नजर आ रहे है।
शीघ्र करेंगे समाधान
मोर्चरी में फ्रीजर के बॉक्स के पाट्र्स खराब पड़े है। वो बाहर से मंगवाए गए है, जो अभी आने है। इसलिए देरी हो रही है। हम कंपनी के प्रतिनिधि से लगातार संपर्क में है। हालांकि अभी कोई दिक्कत नहीं है। समस्या का जल्द ही समाधान कर लिया जाएगा।
डॉ सुमंत दत्ता, इंचार्ज, मोर्चरी
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