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एसएमएस अस्पताल ने बनाया इतिहास, एक छोटे चीरे से किए दिल के दो बड़े ऑपरेशन

locationजयपुरPublished: Sep 30, 2019 07:01:07 pm

Submitted by:

Deepshikha Vashista

SMS Hospital Jaipur : 3.5 इंच के चीरे से एसएमएस अस्प्ताल में दिल का छेद बंद करने और एक साथ सर्जरी, दुनिया में इस तरह का पहला ऑपरेशन करने का दावा
 

SMS Hospital

एसएमएस अस्पताल ने बनाया इतिहास, एक ​छोटे चीरे से किए दिल के दो बड़े ऑपरेशन

जयपुर। सवाई मानसिंह अस्पताल ( SMS Hospital Jaipur ) के कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग ( Cardiothoracic surgery ) के चिकित्सकों की टीम ने छोटे चीरे से एक ही मरीज में दिल का छेद बंद करने और वॉल्व बदलने की सर्जरी करने में सफलता प्राप्त की है। सामान्यतया ओपन हॉर्ट सर्जरी छाती की हड्डी को काटकर की जाती है। लेकिन एसएमएस अस्पताल में उनकी टीम ने छाती में छोटे से 3.5 इंच के चीरे से ह्दय की दो विकृतियों की सर्जरी की है।
विभागाध्यक्ष डॉ.अनिल शर्मा ने दावा किया कि इस तरह से सर्जरी दुनिया में पहली बार की गई है। उन्होंने बताया कि विभाग में हाल ही में धोलपुर निवासी 25 वर्षीय महिला मरीज का ऑपरेशन किया है। जिसमें दिल के छेद और महाधमनी के एओर्टिक वॉल्व में अत्यधिक लीक की परेशानी थी। साथ ही वॉल्व में संक्रमण के कारण यह पूरी तरह खराब हो चुका था।

दिल में छेद की बीमारी सामान्यतया 1000 में से 3 से 6 बच्चों में होती है। इनमें से भी 6 प्रतिशत संभावना होती है कि ऐसे बच्चों में महाधमनी का वॉल्व भी खराब हो जाए। यह बीमारी बचपन में ही पता लगने पर वॉल्व को बदलने की जगह वॉल्व को रिपेयर करने से ही काम चल जाता है। लेकिन इस मरीज में मरीज की आयु 25 वर्ष थी। साथ ही वॉल्व भी पूरी तरह खराब हो चुका था। इसलिए वॉल्व को बदलने की भी सर्जरी करनी थी।
डॉ शर्मा ने बताया कि दुनिया में अभी तक ह्दय के मिनिमल इनवेसिव के जितने भी ऑपरेशन होते हैं, उनमें से वॉल्व बदलने के ऑपरेशन मुख्य हैं। साथ ही एसएमएस अस्पताल ही दुनिया का एक मात्र ऐसा अस्पताल है, जहां इस तरह का ऑपरेशन सिर्फ एक छोटे चीरे से बिना जांघ पर कोई चीरे और बिना बहुत मंहगे सामान के किए जा रहे हैं।
एसएमएस अस्प्ताल के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ.सुधीर भंडारी ने बताया कि भारतीय उपमहाद्वीय के देश भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में लड़कियों के विवाह के समय किसी भी बड़ी बीमारी के चीरे को देखकर विवाह के लिए मना कर दिया जाता है। ऐसे में इस तरह का ऑपरेशन इस तरह की परेशानी को दूर करेगा। इस तकनीक की खास बात है कि इसमें अलग से कोई खर्चा नहीं आता। डॉ शर्मा ने बताया कि उनकी टीम ने अब तक 350 वॉल्व बदले हैं। यह शोध पत्र इंटरनेशनल जर्नल हॉर्ट इंडिया अप्रेल-जून 2016 में भी प्रकाशित हो चुका है। लेकिन 5 सेंटीमीटर से छोटे चीरे का ऑपरेशन दुनिया में पहला है।
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सर्जरी के फायदे

यह सर्जरी पारंपरिक उपकरणों से की जा सकती है बेहतर कॉस्मेटिक परिणाम एक महीने के समय में काम पर वापस लौटा जा सकता है सर्जरी के दौरान खून चढ़ाने की भी कम ही आवश्यकता होती है छाती की हड् डी काटने वाले संक्रमण से कोई खतरा नहीं तुलनात्मक रूप से कम खर्चीला जांघ पर अतिरिक्त चीरा नहीं
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