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शहर में 500 से ज्यादा आवारा पशु हैं, जिनके लिए न तो खेळियां हैं, न कुंडी की व्यवस्था और ना ही गौशाला

locationदौसाPublished: May 18, 2017 02:48:00 pm

Submitted by:

vijay ram

जयपुर के चौमंू सहित ग्रामीण इलाकों में नहीं हो पा रहा है पानी इंतजाम। सूखी पड़ीं खेळियां, पानी के लिए दर-दर भटक रहे पशु…

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पशु और पक्षियों के लिए शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में पेयजल के इंतजाम नहीं किए गए हैं। स्थिति यह है कि भीषण गर्मी में प्यासे पशु पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। कुछ स्थानों पर तालाबों में पानी सूखने के कारण कई पशु काल का ग्रास भी बन चुके हैं।

सूखी पड़ीं खेळियां, पानी के लिए दर-दर भटक रहे पशु
यही हाल पक्षियों का भी है। शहर में करीब पांच सौ आवारा पशु हैं, जिनके लिए न तो खेळियां व कुंडी की व्यवस्था है और ना ही गौशाला में इनके रहने के लिए जगह। ऐसे में ये पशु सड़कों पर घूम-फि र कर खा लेते हैं, लेकिन पानी के लिए दर-दर भटकते रहते हैं। इस भीषण गर्मी में कई पशु प्यास के मारे दम भी तोड़ चुके हैं। बावजूद इसके इस तरफ किसी जनप्रतिनिधि या लोगों का ध्यान नहीं जा रहा है। जिससे गर्मी के दिनों में इन बेजुबानों की हालत दायनीय होती जा रही है।

न पालिका ले रहा सुध न लोग आ रहे आगे

पहले पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए अधिकतर स्थानों पर समाज सेवियों की ओर से जगह-जगह खेळियां बनवाई व कुंडियां रखवाई जाती थी। बाद में इन खेळियों व कुंडियों में पानी डाला जाता था, जिससे प्यास लगने पर जानवर या पक्षी इसमें आकर अपनी प्यास बुझाते थे। लेकिन अब इन बनाई हुई खेळियों व कुंडियों में पानी नहीं डालने से यह सूखी दिखाई देती हैं।

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जनप्रतिनिधि भी नहीं दे रहे हैं ध्यान
इन खेळियों के पास प्यासे आवारा जानवर व पक्षी आकर चले जाते हैं। लोगों ने बताया कि कुछ दिनों तक तो भामाशाहों ने इन खेलियों व कुंडियों में टैंकरों के माध्यम से पानी डलवाया, जिससे पशुओं व पक्षियों को राहत मिली थी। लेकिन अब ऐसे भामाशाहों की संख्या न के बराबर है, जिससे अधिकतर खेळियां व कुंडियां सूखी पड़ी दिखाई देती हैं।

पेयजल स्रोतों के पास पहुंच प्यास बुझाते हैं पशु
शहर में पानी की खेळियों व कुंडियों में पानी नहीं मिलने के कारण पशु अपनी प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं। ज्यादातर पशु पेयजल स्रोत बोरिंग, पानी की टंकी, लीकेज पाइप लाइन आदि स्थानों पर बहने व एकत्र हुए पानी को पीकर अपनी प्यास बुझाते नजर आ रहे हैं। शहर के लक्ष्मीनाथ चौक, मुख्य बस स्टैंड, थाना मोड़, मुख्य बाजार, मोरीजा रोड इत्यादि इलाकों में आवारा पशुओं के झुंड पानी की उम्मीद में घूमते दिखाई दे रहे हैं। सामोद पर्वत क्षेत्र स्थित महामाया मंदिर के पास बने तालाबों में पानी सूखने पर वहां पहाड़ी पर रहने वाले जानवर पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

जहां-जहां भी वार्डों में पशुओं के पानी पीने के लिए बनी खेळियां, कुंडियां खाली हैं। उनमें शीघ्र ही नगरपालिका प्रशासन द्वारा पानी डालने की व्यवस्था करवाई जाएगी। जिससे इस गर्मी में बेजुबान जानवरों को पीने के लिए पानी मिल सके।
– अर्चना कुमावत, अध्यक्ष, नगरपालिका, चौमूं
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