इस तरह हो संचालन…
-रोड लाइट बंद व चालू करने के लिए टाइमर में समय निर्धारित करना पड़ता था। स्मार्ट लाइटिंग के तहत मौसम और जरूरत दोनों के आधार पर स्वत: रोड लाइट शुरू और बंद की जा रही। सड़क पर वाहनों की संया के आधार पर रोशनी कम-ज्यादा (लक्स यानी दृश्यता) स्वत: ही हो रही है।
-इसके लिए सेंसर की 20 व 80 प्रतिशत लक्स पर सेटिंग की गई। यानी, उस रोड से कोई भी वाहन नहीं गुजरता है, तब लाइट का लक्स लेवल स्वत: 100 से घटकर 20 प्रतिशत हो जाता है। वाहन गुजरने के दौरान स्वत: 80 प्रतिशत हो जाता है।
समझें…इस तरह बचत की गणित..
(1) सामान्य स्ट्रीट लाइट
-120 वाट की लाइट लगाई
-320 लाइट हैं कुल वहां
-12 घंटे जलती हैं लाइट
-30 दिन महीने में
-13824 किलोवाट विद्युत उपभोग
(2) स्मार्ट लाइट
-120 वाट की स्मार्ट लाइट
-320 लाइट हैं कुल वहां
-12 घंटे जलती हैं लाइट
-20 से 80 प्रतिशत सेंसर से लक्स लेवल कम रहता है
-30 दिन महीने तक संचालन
-8210 किलोवाट विद्युत उपभोग
बचत : 5614 किलोवाट (40 प्रतिशत विद्युत खपत कम)
इन मुय सड़क पर स्मार्ट रोड लाइट..
(1) विद्याधर नगर
स्मार्ट लाइट – 685
दूरी- 11.5 किलोमीटर
रूट- अबाबाड़ी सर्किल से भैरोंसिंह शेखावत की समाधि स्थल व सभी सेक्टर की मुय सड़कें
(2) निवारू-लालचंदपुरा
स्मार्ट लाइट- 155
दूरी- 5 किलोमीटर
रूट- निवारू के आगे से लालचंदपुरा में जेडीए स्कीम तक
(3) सवाई गैटोर
स्मार्ट लाइट- 88
दूरी- 2 किलोमीटर
रूट- जगतपुरा रोड से सवाई गैटोर की मुय सड़कें
(4) बाड़ा पदमपुरा
स्मार्ट लाइट- 192
दूरी- 6 किलोमीटर
रूट- टोंक रोड से अंदर बाड़ा पदमपुरा की मुय सड़क मार्ग पर
(5) शिवदासपुरा
स्मार्ट लाइट- 140
दूरी- 4.5 किलोमीटर
रूट- टोंक रोड से सटी सड़क मार्ग से शिवदासपुरा मुय इलाका
(6) जगतपुरा-महल रोड
स्मार्ट लाइट- 320
दूरी- 2 किलोमीटर
रूट- महल रोड पर अक्षय पात्र के आगे से इण्डस्ट्रीयल एरिया की तरफ