रौबदार चेहरा, घनी मूंछे एएसआई शंकरलाल सिक्का की पहचान बन गई थी। ट्रेफिक पुलिस के इस जवान को जब पुलिस मुख्यालय में लगाया गया तो समझ नहीं आया कि कहीं अधिकारियों को कोपभाजन तो नहीं बन जाएगा।, लेकिन शंकर लाल ने अपनी नौकरी और इंसान को पहचान की ऐसी मिसाल पेश की कि आने वाला डीजीपी सबसे पहले इसी शंकरलाल सिक्का से मुखातिब होता था।
छह फुट ऊंचे दबंग यातायातकर्मी सिक्का उर्फ एएसआई शंकर लाल बुधवार को सेवानिवृत्त हो गए। उनका उपनाम सिक्का इतना लोकप्रिय हुआ कि उनके वास्तविक नाम से उनको बहुत कम लोग जानते हैं। इसबीच मुख्यालय में बुधवार को सिक्का उर्फ एएसआई शंकरलाल के रिटायरमेंट का दिन यादगार बन गया।
डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने उन्हें कमरे में बुलाकर न सिर्फ भावभीनी विदाई दी, बल्कि पांच हजार रुपए का नकद पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र, प्रशंसा और भावी जीवन की ढेरों शुभकामना भी दीं। उल्लेखनीय है कि सिक्का पुराने और नए पुलिस मुख्यालय के बाहर लगातार 35 वर्षों तक अपनी रौबदार मूंछों के साथ यातायात व्यवस्था संभालते रहे हैं। उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए अनेक अवसरों पर उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।