किसी को गाड़ी दी तो मुसीबत में होगा मालिक दरअसल, जयपुर यातायात पुलिस ने ई-व्यवस्था शुरू की है। पहले नियम तोडऩे वाले चालकों को पुलिस कैमरे के आधार से वाहन का नंबर ले उसके रजिस्टर्ड घर के पते पर चालान भेज रही थी। जिसमें कई बार डाक के जरिए जाने वाला चालान वापस आ जाता था या फिर पता ही नहीं लगता था कि डाक के जरिए भेजा गया चालान किसने लिया है। ऐसे में कैमरों से खींचे गए आधे से ज्यादा चालान जमा ही नहीं होते थे। लेकिन अब नियम तोडऩे वाले वाहन के नंबर के आधार पर पुलिस वाहन मालिक के आरटीओ में रजिस्टर्ड नंबर मोबाइल नंबर पर चालान भेजेगी। ऐसे में अब अगर किसी वाहन मालिक ने किसी अन्य व्यक्ति को अपना वाहन दिया और उसने नियम तोड़ा तो पुलिस वाहन मालिक के मोबाइल नंबर पर चालान आएगा।
नो पार्किंग जोन को लेकर सख्ती यातायात पुलिस नो पार्किंग जोन को लेकर भी सख्ती अपना रही है। नो पार्किंग जोन में खड़ी गाडिय़ों का पुलिसकर्मी मोबाइल से फोटो खींच रहे हैं। उसके बाद यातायात पुलिस के वॉट्सएप गु्रप पर इसे भेजकर वाहन के स्थान की जानकारी दे रहे हैं। जिसके बाद यादगार में बैठे पुलिसकर्मी उस वाहन के रजिस्टर्ड नंबर के आधार पर जानकारी जुटाते हैं और फिर उसके मोबाइल नंबर पर मैसेज के साथ चालान भेज देते हैं।
पैसा बचेगा और पर्यावरण भी पुलिस की इस मुहिम से पैसा तो बचेगा ही साथ ही पर्यावरण बचाने में जयपुर की पुलिस अहम योगदान निभाएगी। पहले पुलिस को कागज पर चालान प्रिंट करना पड़ता था, जिसे डाक से भेजा जाता था। लेकिन अब चालान वॉट्सएप पर जाने से पुलिस कागज बचाकर पर्यावरण संरक्षण करेगी। साथ ही डाक का खर्च भी बचेगा। डीसीपी यातायात राहुल प्रकाश ने बताया कि मोबाइल से फोटो खींच नियम तोडऩे वाले वाहन मालिकों को उनके वाहन नंबर के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर चालान भेजा जा रहा है।