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बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति मुक्त होगा जयपुर

locationजयपुरPublished: Jul 20, 2021 09:32:50 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

जनजागरुकता अभियान का आगाज राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने दिखाई हरी झंडी

बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति मुक्त होगा जयपुर

बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति मुक्त होगा जयपुर



जयपुर, 20 जुलाई
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) की बाल श्रम मुक्त राजस्थान (child labor free rajasthan) की कल्पना को मूर्त रूप देने और प्रदेश को बाल श्रम और बाल भिक्षावृत्ति मुक्त (child labor and child begging free) करवाने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Rajasthan State Commission for Protection of Child Rights) अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (President Sangeeta Beniwal ) ने जनजागरुकता अभियान(public awareness campaign) का आगाज किया। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के झालाना स्थित कार्यालय से संगीता बेनीवाल ने जागरुकता वाहनों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस मौके पर बेनीवाल ने बताया कि ये वाहन शहर के चौराहों, होटलों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर जाकर ऑडियो और पोस्टर के माध्यम से बाल श्रम से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में लोगों को जागरुक करेंगे।
दो चरणों में चलेगा अभियान
इस अभियान को दो चरणों में चलाया जाएगा, जिसके तहत प्रथम चरण की शुरुआत जनजागरुकता अभियान के रूप में आज से हो गई है। ये वाहन शहर भर में घूमकर जयपुर को बालश्रम और भिक्षावृत्ति मुक्त करने का संदेश देंगे। बेनीवाल ने बताया कि दूसरे चरण में बाल भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के रेस्क्यू का कार्य भी किया जाएगा। इस मौके पर बेनीवाल ने विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से तैयार किए गए जनजागरुकता सामग्री का विमोचन भी किया।
चाइल्ड हेल्पलाइन पर दी सूचना
इस मौके पर संगीता बेनीवाल ने सभी से अपील की कि सड़कों, होटलों या जहां कहीं भी बच्चों को बाल भिक्षावृत्ति में लिप्त देखें तो उन्हें पैसे देने के बजाय तुरंत उसकी सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन, आयोग के नंबर या पुलिस को दें, जिससे की हर बच्चे को बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाकर शिक्षा से उन्हें जोड़कर उसका अच्छा भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।
इस मौके पर शासन सचिव श्रम विभाग नीरज के. पवन, बाल आयोग सदस्य डॉ. विजेंद्र सिंह सिद्धु, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, बाल अधिकारिता विभाग, पुलिस, मानव तस्करी विरोधी इकाई, बाल संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित आयोग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
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