यह भी सामने आया है कि रेलवे प्रशासन ने विकल्प के तौर पर हाल ही में जिन ट्रेनों को जयपुर (
Jaipur Railway Station ) के आस पास कुछ दूरी के लिए लोकल किया, उनमे भी किराया सुपर फास्ट की तरह ही वसूल किया जा रहा है। यात्रियों को बस का विकल्प चुनने पर भी आने जाने में करीब 150 रुपए यात्रियों को चुकाने पड़ रहे हैं। जिससे मजदूर वर्ग के लिए तो नौकरी करना ही मुश्किल हो रहा है।
गौरतलब है कि स्टेशन पर कार्य के कारण अगस्त माह में 7 अगस्त से 27 अगस्त तक बडे स्तर पर ट्रेनों को रद्द, आंशिक रद्द या मार्ग परिवर्तित किया गया है। राखी के अवकाश बाद पूजा एक्सप्रेस से जयपुर आने वाले एक यात्री ने बताया कि कि रेवाडी, खैरथल, अलवर और दौसा सहित जयपुर में खातीपुरा और आस पास सहित आउटर में कई बार चेन पुलिंग हुई। इसका कारण उन्होंने सामान्य कोच में अत्यधिक भीड़ होना बताया।
रेलवे ने प्रयास किए, लेकिन पूरी तरह संभव नहीं ट्रेनें बड़े स्तर पर प्रभावित होने के बाद रेलवे ने कुछ ट्रेनों को आस पास के गांवो व कस्बों में अस्थायी ठहराव दिए हैं। लेकिन पूरी तरह राहत देना संभव नहीं हो पाया।
परेशानी हो रही है भारी मंडल रेल उपयोग कर्ता परामर्शदात्री समिति के सदस्य और मंडल एवं दैनिक रेल यात्री संघ फुलेरा जयपुर के महासचिव बलबीर गुर्जर के अनुसार दैनिक यात्रियों के पास बेरोजगारी की समस्या हो गई है। ट्रेनें आसानी से नहीं मिल रही हैं, जो ट्रेनें चल रही हैं, वे भी समय पर नहीं पहुंचा रही है।
शाम को आश्रम एक्सप्रेस का भी हमने लोकल ठहराव की मांग की थी, उसे भी रेलवे प्रशासन ने नहीं माना। जो ट्रेनें जयपुर के आस पा लोकल की तरह चलाई जा रही हैं, उनमे किराया सुपरफास्ट की तरह ही वसूल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आश्रम एक्सप्रेस का लोकल ठहराव की मांग की गई थी, लेकिन उसे भी नहीं सुना गया।