जानकारी के मुताबिक अज्ञात व्यक्ति ने शाम चार बजे फुटपाथ पर तड़पकर दम तोड़ दिया। वह बीमार था और अस्पताल भी पहुंचा, लेकिन उसके पास आधारकार्ड या कोई अन्य पहचान -पत्र नहीं था। इसके कारण उसे न तो भर्ती किया और न ही चिकित्सकीय परामर्श दिया गया। उसके बाद वह अस्पताल के सामने सड़क पार कर पेड़ के नीचे सो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दोपहर तक वह बीमार हालत में दिखा, लेकिन शाम करीब चार बजे उसने दम तोड दिया।
शव देखने आए और चले गए
लोगों ने बताया कि पुलिस व अस्पताल में बनी चौकी स्टाफ को सूचना दी, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। यहां तक कि अस्पताल स्टाफ भी शव को देखने आए और चले गए। रात 9 बजे राजस्थान पत्रिका ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. महेश मंगल से इस बात को लेकर संपर्क किया तो उन्होंने तुरंत आपातकालीन इकाई में मौजूद चिकित्सक को इसके बारे में बताया। उसके कुछ देर बाद शव को इमरजेंसी में लाया गया फिर मोर्चरी में रखवा दिया गया।
लोगों ने बताया कि पुलिस व अस्पताल में बनी चौकी स्टाफ को सूचना दी, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। यहां तक कि अस्पताल स्टाफ भी शव को देखने आए और चले गए। रात 9 बजे राजस्थान पत्रिका ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. महेश मंगल से इस बात को लेकर संपर्क किया तो उन्होंने तुरंत आपातकालीन इकाई में मौजूद चिकित्सक को इसके बारे में बताया। उसके कुछ देर बाद शव को इमरजेंसी में लाया गया फिर मोर्चरी में रखवा दिया गया।
नि:शुल्क जांच पर आइडी जरूरी
राजस्थान का ही मरीज होने की पुष्टि के लिए मरीज का पहचान-पत्र मांगा जाता है। हालांकि चिकित्सकीय परामर्श के लिए इसकी जरूरत नहीं है। लेकिन उसके बाद होने वाली जांचों के लिए यह मांगा जाता है।
राजस्थान का ही मरीज होने की पुष्टि के लिए मरीज का पहचान-पत्र मांगा जाता है। हालांकि चिकित्सकीय परामर्श के लिए इसकी जरूरत नहीं है। लेकिन उसके बाद होने वाली जांचों के लिए यह मांगा जाता है।