'पांच सितारा' होटल में मंथन
शहरों से लेकर गांव-ढाणियों तक में पड़ने वाले जल संकट को लेकर ये महत्वपूर्ण बैठक एक पांच सितारा होटल में जारी है। इस समीक्षा में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित जल जीवन मिशन से जुड़े केंद्र और राज्य के अधिकारी भी मौजूद हैं।
शेखावत-महेश का फिर आमना-सामना!
इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने एक बार फिर प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी भी मौजूद हैं। दोनों मंत्रियों की मौजूदगी चर्चा का विषय इसलिए बनी हुई है क्योंकि बीते दिनों जयपुर में ही हुए जल जीवन मिशन सम्मेलन के दौरान दोनों मंत्रियों के बीच की नोकझोंक भरे मंच पर दिखी थी। मामला राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना को लेकर था। परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्ज़ा दिलाये जाने पर प्रधानमंत्री के वक्तव्य पर मंत्रियों के बीच शब्द बाण चले थे।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने तो यहां तक कह दिया था कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अगर ERCP को लेकर अजमेर में एक शब्द भी कहा हो तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। ये वक्तव्य उन्होंने जोशी के उस संबोधन के बाद दिया था जिसमें उन्होंने राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लिया था। इस विवाद के बाद भी सियासत थमी नहीं थी।ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर ही फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच खुलकर सार्वजनिक रूप से ट्वीट वार शुरू हुआ था। ऐसे में अब एक बार फिर शेखावत और जोश के आमने-सामने होने पर सभी की नज़रें टिकी हुई हैं।
जल जीवन मिशन की गति बेहद सुस्त
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि सभी सांसदों को पत्र लिखकर समीक्षा बैठक के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि सांसद जल जीवन मिशन को जनांदोलन में परिवर्तित करने में सहयोग कर सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने बैठक से पहले कहा जल जीवन मिशन की गति राजस्थान में बेहद सुस्त है।
शेखावत ने कहा कि राज्य में अब तक केवल 24.21% ग्रामीण आवासों तक नल कनेक्शन पहुंचाया जा सका है, जबकि मिशन को पूरा करने की समय सीमा वर्ष 2024 है। केंद्रीय मंत्री शेखावत पूर्व में कई बार राज्य सरकार को हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन देते आए हैं। उन्होंने राजस्थान को पर्याप्त बजट आवंटित भी कराया है।