भूजल ( ground water ) के गिरते स्तर से जलसंकट ( water Scarity ) का सामना कर रहे राजस्थान ( Rajasthan ) में अब लाेगाें काे जल संरक्षण ( water harvesting ) का पाठ पढ़ाया जाएगा। उन्हें यह बताया जाएगा कि जल ( Water ) ही जीवन है और जल है तो कल है। सरकार ( Government ) ने इसकी तैयारी कर ली है। राज्य के जन-जन में जल के सदुपयोग और जल संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी का भाव जगाने के लिए राज्य की सभी 9 हजार 894 ग्राम पंचायतों ( gram panchayat ) में आधारभूत स्तर जल जागरूकता ( awareness ) कार्यक्रम चलाया जाएगा।
आपको बता दें कि जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला के निर्देश पर इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई हैं। इस कार्यक्रम के तहत जल संरक्षण के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इनमें ग्रामीण जल मेला, ग्रामीण सहभागिता आंकलन जैसी गतिविधियों के साथ जल चेतना रथों का संचालन किया जाएगा। यह गतिविधियां डब्ल्यूएसएसओ के तत्वावधान में होंगी। आपको बता दें कि इस अभियान की शुरूआत अगले कुछ दिनों में एक राज्य स्तरीय समारोह के जरिए की जाएगी। आपकाे बता दें कि केन्द्र सरकार ने जलसंकट से निपटने के लिए जलशक्ति मंत्रालय गठित किया है। पत्रिका भी पिछले कई सालों से अपने अमृतम जलम अभियान के चलते जलसंरक्षण के लिए मुहिम चला रहा है।
जागरूकता के लिए लगेंगे जल मेले
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल विभाग के प्रमुख शासन सचिव संदीप वर्मा ने राजधानी जयपुर में झालाना स्थित जल एवं स्वच्छता सहारा संगठन (डब्ल्यूएसएसओ) के कार्यालय परिसर में इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत संचालित होने वाली प्रचार-प्रसार गतिविधियों से सम्बंधित एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया है। इस दौरान प्रमुख शासन सचिव ने ग्राम पंचायतों में जाने वाले जल चेतना रथ और ग्रामीण जल मेलों के जरिए होने वाली जागरूकता गतिविधियों के बारे में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी प्रदान किए। जल जागरूकता कार्यक्रम के तहत आमजन को अपने दैनिक जीवन में जल की बचत के लिए संकल्प दिलवाने के साथ ही वर्षा जल के संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाएगा।